ग्वालियर, 15 दिसंबर, 2024: हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महान उत्सव कहे जाने वाले तानसेन संगीत समारोह की 100वी कड़ी में आज 546 संगीतकारों के साथ सबसे बड़े हिंदुस्तानी शास्त्रीय बैंड का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर इतिहास मेंअपना नाम दर्ज करा लिया।
ग्वालियर के भव्य किले में आयोजित इस कार्यक्रम में संगीतकारों ने तानसेन के तीन प्रतिष्ठित रागों: राग मल्हार, राग मियाकी तोड़ी और राग दरबारी को सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्थ कर दिया।
मध्य प्रदेश सरकार के सांस्कृतिक विभाग द्वारा इस महत्वपूर्ण समारोह को आयोजित किया जाता है। ग्वालियर को हाल ही में यूनेस्को द्वारा सिटी ऑफ म्यूजिक के रूप में मान्यता मिली। इस अवसर पर, मान्यता मिलने की सफलता का जश्न भी मनाया गया, जिसमें शास्त्रीय संगीत की दुनिया में इसके वैश्विक महत्व पर प्रकाश डाला गया।
रिकॉर्ड स्थापित करने वाले इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की और इसमें कईं गणमान्य व्यक्ति, संगीत प्रेमी और अंतरराष्ट्रीय अतिथि शामिल हुए। इस कार्यक्रम ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के सलाहकार निश्चल बारोट ने इसे बहुत ही मेहनत से अंजाम दिया, जो उनका 53वां सफल गिनीज रिकॉर्ड है।
इस उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए निश्चल बरोट ने कहा, “यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भारतीय शास्त्रीय संगीत की निरंतरता तथा अनोखे सामूहिक प्रयास को दर्शाता है। संगीतकारों की अतुल्य प्रतिभा और मध्य प्रदेश सरकार की दूरदर्शिता ने ग्वालियर को सांस्कृति और संगीत की उत्कृष्टता के केंद्र के रूपमें विश्व मानचित्र पर स्थापित किया है। मुझे इस तरह के ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनने पर गर्व है।”
तानसेन समारोह पिछले 99 वर्षों से मनाया जा रहा था। यह हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अद्वितीय योगदान देने वाले महान संगीतकार तानसेन को श्रद्धांजलि है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की उपलब्धि ने न केवल उनकी विरासत को सम्मानित किया बल्कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की सुंदरता और गहराई पर दुनिया का ध्यान गया है।
सांस्कृतिक विभाग के प्रवक्ता ने इसे राष्ट्र के लिए गौरव का क्षण बताते हुए कहा, “यह उपलब्धि हमारे संगीतकारों की कलात्मक उत्कृष्टता को दर्शाने के साथ तानसेन की कालातीत विरासत का जश्न मनाने में उनकी एकता को भी दर्शाती है। यह ग्वालियर, मध्य प्रदेश और पूरे देश के लिए गौरव का दिन है। इसे भारत के सांस्कृतिक इतिहास के पन्नों में हमेशा याद रखा जाएगा।”
समारोह का समापन प्रतिभागियों और संगीत प्रेमियों की इतनी तालियां बजी की तानसेन संगीतसमारोह की शताब्दी हमेशायाद रखी जायेगी।