- इस सीरीज़ में छठे व्याख्यान का आयोजन संस्थान में किया गया जिसका विषय था ‘उद्यमी राष्ट्र निर्माण के स्तंभ हैं’।
- इस अवसर पर राष्ट्रीय उद्यमिता प्रशिक्षण/ शिक्षक/ मेंटर अवॉर्ड भी दिए गए
अहमदाबाद, 6 सितम्बर, 2024: जाने-माने उद्यमी और हरी कृष्णा एक्सपोर्ट्स प्रा. लिमिटेड के संस्थापक एवं चेयरमैन श्री सावजीभाई ढोलकिया ने स्मृति व्याख्यान (मैमोरियल लैक्चर) दिया, जिसका आयोजन भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई), अहमदाबाद द्वारा किया गया था।
श्रृंखला में छठे इस व्याख्यान का आयोजन ईडीआईआई परिसर में हुआ, जिसका विषय था ‘उद्यमी राष्ट्र निर्माण के स्तंभ हैं’।
ईडीआईआई ने 4 अप्रैल 2019 को अपने संस्थापक पद्मश्री डॉ वी.जी. पटेल को खो दिया था। उनके द्वारा उद्यमिता के क्षेत्र में किए गए अद्वितीय कार्यों की सराहना करने के लिए संस्थान ने 2019 में सालाना व्याख्यानों की श्रृंखला की शुरुआत की। उद्यमिता समुदाय द्वारा ‘उद्यमी आंदोलन के अग्रदूत’ के रूप में डॉ वी.जी. पटेल ने भारत और दुनिया भर में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया था। वे न सिर्फ भारत में अपनी अवधारणाओं को स्थापित करने में सफल रहे, बल्कि 1983 में उन्हें राष्ट्रीय संसाधन संस्थान, ईडीआईआई की स्थापना भी की।
डॉ सुनील शुक्ला, महानिदेशक, ईडीआईआई ने उद्यमिता की अवधारणा को पेश कर और इसे बढ़ावा देकर देश के आर्थिक विकास में डॉ पटेल के उत्कृष्ट योगदान पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा ‘‘डॉ पटेल ने देश को उद्यमिता से परिचित कराया, जब लोग इसकी संभावनाओं के बारे में बिल्कुल भी अवगत नहीं थे। डॉ पटेल ने अपने प्रयासों को तब तक जारी रखा जब तक उन्होंने दुनिया के सामने यह साबित नहीं कर दिया कि प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन के द्वारा सफल उद्यमी बनाए जा सकते हैं और इस बात में कोई सच्चाई नहीं कि सफल उद्यमी बनने का विशेषाधिकार कुछ ही लोगों तक सीमित है। उद्यमिता के क्षेत्र में डॉ पटेल का योगदान बेजोड़ है। उन्होंने न सिर्फ ज्ञान का बुनियादी ढांचा तैयार किया, बल्कि लोगों को प्रेरित भी किया, उद्यमिता के प्रति उनकी सोच को बदला।”
सभा को सम्बोधित करते हुए श्री सावजीभाई ढोलकिया ने कहा, ‘‘मेरे लिए गर्व का अवसर है कि मुझे इस मंच को संबोधित करने का मौका मिला है। डॉ पटेल, एक दिग्गज और सही मायनों में दूरदृष्टा थे, जिन्होंने न सिर्फ हमारे देश को उद्यमिता से परिचित कराया, बल्कि इसके माध्यम से आत्मनिर्भरता एवं स्वतन्त्रता के मूल्यों को भी प्रोत्सिहत किया। एक योग्य उद्यमी ही 1983 में स्पॉन्सर्स को उद्यमिता संस्थान की स्थापना के लिए तैयार कर सकता है। यह बेहतरीन उपलब्धि थी, और इसके बाद हुए कार्यों ने इतिहास रच दिया। मेरा मानना है कि डॉ पटेल का दृष्टिकोण और कौशल आज के उद्यमियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने स्टार्ट-अप इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के बीज बोए, जिसकी बात आज हम गर्व के साथ करते हैं। वे युवा जो उद्यमी बनना चाहते हैं, उन्हें हर तूफ़ान के बाद कड़ी मेहनत और क्षमता का महत्व समझना चाहिए, जो उन्हें उद्यमी बना सकता है। अगर आप अकेले पैसा कमाने के लिए मैदान में उतर रहें हैं, तो सावधान हो जाइए। उद्यमिता के लिए प्रत्यास्थता, मन की क्षमता, और कड़ी मेहनत की ज़रूरत होती है, आपको अपनी नींद और आराम छोड़ कर सकारात्मक सोच को अपनाना होता है। डॉ वी.जी. पटेल उद्यमिता के इन्हीं मूल्यों के साथ आगे बढ़ते रहे। मुझे खुशी है कि डॉ शुक्ला इस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। ईडीआई के सभी भावी पहलों के लिए मैं शुभकामनाएं देना चाहूंगा।’’
इस अवसर पर डॉ. वी.जी. पटेल नेशनल मैमोरियल अवॉर्ड फॉर एंटरेप्रेन्योरशिप ट्रेनर/ एजुकेटर/ मेंटर 2023 की भी घोषणा की गई।
2024 के विजेता हैं
डॉ दीपक उत्तमराव तत्पूजे, संस्थापक एवं अनुसंधान सलाहकार, विद्यादीप फाउन्डेशन, सतारा, महाराष्ट्र प्रोफेसर डॉ दीपक तत्पुजे के पास उद्यमिता शिक्षा एवं प्रशिक्षण, प्रोजेक्ट कन्सलटेशन और अनुसंधान परियोजनाओं में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का अनुभव है। उन्होंने राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे युनेस्को-बैंकॉक, युनाईटेड नेशन्स डेवलपमेन्ट प्रोग्राम (यूएनडीसी), कॉमनवेल्थ एसोसिएशन ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी, मैथेमेटिक्स एजुकेटर्स, स्विस एजेंसी फॉर डेवलपमेन्ट एण्ड को-ऑपरेशन के साथ 17 से अधिक प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं। उन्होंने नवम्बर 2004 में विद्यादीप फाउन्डेशन की स्थापना की। वे सीरियल सामाजिक उद्यमी हैं जिन्होंने 1990 से 2010 के दौरान सतारा में दो एनजीओ और दो क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटियों की स्थापना की। डॉ तत्पुजे ने 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग के लिए ‘7 पॉइन्ट करियर एप्टीट्यूट टेस्ट’ से युक्त करियर काउन्सलिंग मॉडल विकसित किया। वे गूगल सर्टिफाईड इनोवेटर, माइक्रोसॉफ्ट इनोवेटिव एजुकेटर-ट्रेनर, गूगल अपलाईड स्किल्स अम्बेसडर तथा यूनेस्को इन्क्लुज़िव पॉलिसी लैब के विशेषज्ञ अडवाइज़र हैं तथा यूएनओएसएससी, मिलर सेंटर फॉर सोशल एंटरेप्रेन्योरशिप, ज्त्म्ब्.ैज्म्च्, तथा अन्य संगठनों के साथ भी जुड़े हुए हैं। वे इंडो-यूएस साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी फोरम तथा स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी, छैज्म्क्ठए क्ैज्ए भारत सरकार के इंडिया इनोवेशन ग्रोथ प्रोग्राम (आईआईजीपी- 2014) में बिज़नेस इन्क्युबेटर मैनेजर के रूप में सक्रियता से शामिल रहे हैं। डॉ तत्पूजे ने एजुकेशनल टेक्नोलॉजी और इंस्ट्रक्शनल डिज़ाइन में विशेषज्ञता के साथ अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा वित्तपोषित टेक्नोलॉजी इंटीग्रेटेड लर्निंग सामग्री विकसित की है। वे एक लेखक, स्तंभकार और कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता भी हैं।
सराहना प्रमाणपत्र पाने वाले विजेता हैं:
- डॉ विजयश्री लक्ष्मण, हैड-इनोवेशन्स, चीफ़ को-ऑर्डिनेटर- न्यू जैन , आईडीडीसी, बीएनएम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बैंगलोर
डॉ लक्ष्मण के पास इनोवेशन एण्ड डिज़ाइन में हार्वर्ड सर्टिफिकेशन है। उन्होंने कर्नाटक में विशेष कोर्सेज़ डिज़ाइन कर इन्हें लागू किया है। वे 7 डिज़ाइन पेटेंट और 1 कॉपीराईट अनुदान पा चुकी हैं और बीएनएमआईटी परिसर में उन्होंने 5 उत्कृष्टता केन्द्र भी स्थापित किए हैं। उन्होंने सामाजिक मुद्दों पर डिज़ाइन थिंकिंग को शामिल करने के लिए एक गांव को भी अडॉप्ट किया है।
- डॉ अभिषेक पारीक, चीफ़ एक्ज़क्टिव ऑफिसर, अटल इन्क्यूबेशन सेंटर, बनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान डॉ अभिषेक पारीक के पास विभिन्न क्षेत्रों में जोखिम प्रबन्धन और कार्यशील पूंजी के क्षेत्र में 17 साल से अधिक अनुभव है, उनके पास विभिन्न सेक्टरों में कारोबार की आवश्यकताओं की अच्छी समझ है। उन्होंने कई कारोबारों को समर्थन प्रदान कर सुनिश्चित किया है कि वे स्थायी बनें।