अयोध्या 30 अक्टूबर 2024: प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और रामचरितमानस व्याख्याता पूज्य मोरारी बापू ने बुधवार को अयोध्या में रामायण वाचक रामकिंकरजी महाराज के शताब्दी समारोह में भाग लिया।
रामकिंकरजी महाराज का रामकथा जगत में “युग तुलसी” के रूप में सम्मान किया जाता है। उनके जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में अयोध्या में 29 अक्टूबर से 1 नवंबर तक एक विशेष कार्यक्रम “युगतुलसी महाराज श्री रामकिंकरजी शत जयंती महा महोत्सव” का आयोजन किया गया है।
देश भर से आए संतों और आध्यात्मिक गुरुओं की इस विशेष सभा को संबोधित करते हुए मोरारी बापू ने रामकिंकरजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की।
अपने भावपूर्ण संबोधन में मोरारी बापू ने रामकिंकरजी महाराज के साथ बिताए पलों को याद किया। बापू ने बताया कि पहली बार उन्होंने महाराज को मुंबई के बिरला मातो श्री भवन में सुना और उसके बाद गुजरात के विरमगाम और चित्रकूट में भेंट हुई। मोरारी बापू ने कहा कि चित्रकूट में तो उन्हें महाराज जी के साथ रहने का भी अवसर मिला था।
उन्होंने बताया कि महाराज की अनूठी शैली में रामायण प्रस्तुत करने की क्षमता श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देती थी। महाराज से मिले अमूल्य प्रोत्साहन को भी मोरारी बापू ने याद किया
दीदी माँ मंदाकिनी जी, अनेक संत, आध्यात्मिक गुरु और भक्तो के साथ युग तुलसी रामकिंकरजी महाराज के जीवन और शिक्षाओ का स्मरण करने के लिए शताब्दी समारोह में भाव-भक्तिपूर्वक शामिल हो रहे हैं इसलिए यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि उनकी विरासत और शिक्षाएं दुनिया भर के आध्यात्मिक साधको को प्रेरित करती रहेंगी।