नई दिल्ली, भारत – 02 दिसंबर 2024: भारत 2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर की एक पूरी विकसित अर्थव्यवस्था बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है। इस लक्ष्य को हासिल करने में गैर-अल्कोहल पेय पदार्थों का क्षेत्र बड़ा योगदान दे रहा है। यह सेक्टर अपने मजबूत रिटेल नेटवर्क और उपभोक्ता-केंद्रित रणनीतियों के माध्यम से देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इसी संदर्भ में, कोका-कोला इंडिया देश भर के रिटेलर्स को खास कूलिंग सॉल्यूशंस देकर रिटेल बिक्री तंत्र को मजबूत बना रहा है। साथ ही, तेजी से बढ़ते रिटेल कारोबार में खुदरा विक्रेताओं को सशक्त बनाने पर ध्यान देते हुए, कोका-कोला का सुपर पावर रिटेलर प्रोग्राम छोटे और मध्यम आकार के रिटेलर्स को उपभोक्ताओं से बेहतर तरीके से जुड़ने और अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए संसाधन उपलब्ध करा रहा है।
पहुंच का विस्तार और उपभोक्ताओं से गहरा जुड़ाव: रिटेल आय में नई ऊंचाईयां
कोका-कोला इंडिया के कूलर्स अब देशभर में रिटेलर्स के लिए एक आम और जरूरी सुविधा बन गए हैं। इससे न केवल उपभोक्ताओं को ठंडे पेय पदार्थ आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं, बल्कि रिटेलर्स की आय में भी सुधार हो रहा है। इन कूलर्स में तकनीकी रूप से उन्नत इन्वेंट्री प्रबंधन की सुविधाएं हैं, जो रिटेलर्स को उनके स्टॉक को आसानी से और प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करती हैं। ये कूलर्स उत्पादों की दृश्यता बढ़ाते हैं और हर उपभोक्ता को ताजगी का अनुभव देते हैं। कोका-कोला इंडिया के इस प्रयास से कंपनी भारत के हर कोने में अपने पेय पदार्थों की पहुंच सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत कर रही है।
सुपर पावर रिटेलर प्रोग्राम से रिटेल कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी
नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NSDC) के सहयोग से शुरू किया गया सुपर पावर रिटेलर प्रोग्राम कोका-कोला इंडिया की रिटेलर्स को सशक्त बनाने की पहल का मुख्य हिस्सा है। इस कार्यक्रम के तहत, किराना दुकान के मालिकों को प्रोडक्ट प्रदर्शन, ग्राहक से जुड़ाव और बिक्री रणनीतियों से जुड़े महत्वपूर्ण कौशल सिखाए जाते हैं। इससे न सिर्फ उनकी बिक्री बढ़ती है, बल्कि ग्राहक अनुभव भी बेहतर होता है।
आज ई-कॉमर्स और क्यू-कॉमर्स की तेज़ी से बदलती दुनिया में, यह प्रोग्राम सुनिश्चित करता है कि किराना कारोबारी बदलते बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहें और अपनी जगह बनाए रखें। ICRIER की हालिया रिपोर्ट (2023-2024) के मुताबिक, गैर-अल्कोहल पेय क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में मूल्य संवर्धन और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
कोका-कोला इंडिया वर्तमान में 45 लाख से अधिक रिटेलर्स की आजीविका को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दे रहा है। रिटेलर्स का कहना है कि कोका-कोला के कूलर्स ने अधिक ग्राहकों को आकर्षित करके उनकी बिक्री बढ़ाने में मदद की है। इन कूलर्स की वजह से न केवल प्रोडक्ट्स ज्यादा समय तक स्टोर किए जा सकते हैं, बल्कि उपभोक्ताओं को हर समय ताजगी से भरे पेय भी मिलते हैं।
कोका-कोला इंडिया के इंडिया ऑपरेशंस के वाइस प्रेसिडेंट संदीप बाजोरिया ने कहा, “हमारा मकसद कूलर टेक्नोलॉजी के जरिए रिटेल विकास के लिए एक मजबूत और स्थायी प्लेटफॉर्म तैयार करना है। आधुनिक कूलर मॉडल्स से लेकर हमारे रिटेल प्रोग्राम्स तक, हर पहल हमारे किराना पार्टनर्स को नई कारोबारी चुनौतियों के लिए तैयार करने और उनके विकास को बढ़ावा देने के लिए है। कोका-कोला इंडिया रिटेल सेक्टर के भविष्य को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि हमारे साझेदार लगातार बदलती कारोबारी दुनिया में लाभदायक बने रहें।”
कोक बडी: रिटेल क्षेत्र में नवाचार और विकास की नई दिशा
कोक बडी योजना, कोका-कोला इंडिया का एक अनोखा कदम है जो तकनीक को सीधे किराना स्टोर्स तक पहुंचाता है। यह प्लेटफ़ॉर्म 24/7 सेवा प्रदान करता है और एआई तकनीक के जरिए उपयोगी जानकारियाँ और सुविधाजनक प्रक्रियाएँ उपलब्ध कराता है। इससे रिटेलर्स को एक बेहतर और व्यक्तिगत खरीदारी अनुभव मिलता है। इस योजना ने कोका-कोला और उसके उपभोक्ताओं के बीच संबंधों को और मजबूत कर दिया है।
भारत की विशाल क्षमता को पहचानते हुए, कोका-कोला इंडिया सबसे बेहतर प्रक्रियाओं को अपनाने और पूरे उद्योग में नए विचारों को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है। अपनी रिटेल वैल्यू चेन को मजबूत करने की प्रतिबद्धता के साथ, यह कंपनी भारत सरकार के विकसित भारत के सपने को साकार करने में भी अपना योगदान दे रही है।