Homeअंतरराष्ट्रीयEDII में ‘मरीन एग्री-एंटरप्रेन्योरशिप एन्ड सप्लाई चेन मेनेजमेन्ट’ पर इन्टरनेशनल कार्यक्रम प्रारंभ

EDII में ‘मरीन एग्री-एंटरप्रेन्योरशिप एन्ड सप्लाई चेन मेनेजमेन्ट’ पर इन्टरनेशनल कार्यक्रम प्रारंभ

अमदावाद 5 दिसंबर 2024: भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII),ने ‘मरीन-एग्री एंटरप्रेन्योरशिप एन्ड सप्लाई चेन मेनेजमेन्ट’ पर अपना आंतर्राष्ट्रीय प्रोग्राम 5 डिसेम्बर से शुरू किया। यह कार्यक्रम ITEC (भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग) विदेश मंत्रालय का प्रभाग, भारत सरकार द्वारा समर्थित है जो 17 दिसंबर, 2024 तक जारी रहेगा। इस कार्यक्रम में 14 ITEC सहयोगी देशों के 23 प्रतिभागी एकत्रित हुए है जो समुद्री कृषि और सप्लाई चेन मेनेजमेन्ट से जुडे अवसरों का अन्वेषण करेंगे और इससे जुड़ी चुनौतियों के समाधान से संबंधित अभ्यास करेगे। बांगलादेश, कोट डि’आवॉयर, इक्वाडोर, इथियोपिया, घाना, केन्या, मॉरीशस, मोरक्को, नाइजीरिया, पापुआ न्यू गिनीया, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, युगांडा, जिम्बाब्वे से प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।

उद्घाटन समारोह 5 दिसंबर, 2024 को EDII के अहमदाबाद परिसर में आयोजित किया गया, जिसके मुख्य अतिथि के रूप में श्री विराज सिंह, अतिरिक्त सचिव (DPA-II & IV), विदेश मंत्रालय, नई दिल्ली उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि श्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते वक्त कहा, “भारत इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से वैश्विक साझेदारियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो विकास और प्रगति को केंद्रित करती है। भारत ने दुनिया को उनकी विकास यात्रा में मदद की पेशकश की, जब देशो ने आजादी के बाद से अपनी विकास यात्रा में मानव पूंजी और कौशल के महत्व को पहचाना।” अतिथी श्री ने प्रतिभागियों को इस अवसर का श्रेष्ठ उपयोग करने का कहा।

डॉ. सुनील शुक्ला, डायरेक्टर जनरल, EDII, ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम शिक्षण को बढ़ावा दे रहे हैं और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ – पूरी दुनिया एक परिवार है – की अवधारणा को मजबूत कर रहे हैं। उन्होने आगे कहा कि, उद्धमिता दो पहलुओ पर आधारित है वित्तीय पूंजी और सामाजिक पूंजी जिसमें मुख्य रूप से मानव संसाधन विकास और उद्यमिता के विकास के लिए अनुकूल वातावरण शामिल है। EDII सामाजिक पूंजी, ज्ञान और कौशल विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है जो पूंजी, बाजार और नेटवर्क जैसी अन्य उद्यम आवश्यकताओं तक पहुंचने में मदद करता है।”
कोर्स डायरेक्टर, डॉ. सत्या रंजन आचार्य ने बताया कि, “कार्यक्रम के अद्बभूत परिणाम स्वरूप, समुद्री, जलीय, मत्स्य पालन और अन्य विभागों के सहभागी अधिकारी कौशल और एक मजबूत उद्यमशीलता दृष्टिकोण के साथ सशक्त बनेगे एवं नवीनता को बढ़ावा देगे । अपने देशो में समुद्री कृषि प्रणाली में आर्थिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए स्थायी समाधान विकसित करेगे जिससे ज्ञान, विचार और आवश्यक कौशल से उद्यमशीलता में वृद्धि होगी।”

यह कोर्स छह मॉड्यूल में विभाजित किया गया है, जिनमें पर्यावरणीय स्थिरता, संसाधन प्रबंधन और आपूर्ति श्रृंखला प्रणालियों के महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर किया गया है। इन मॉड्यूल्स में शामिल हैं: उद्यमिता: उद्यमी के लक्षण, प्रेरणा और उद्यमिता; कृषि-व्यवसाय का वातावरण; समुद्री कृषि इनपुट्स, जल कृषि, जैविक खेती, खाद्य प्रसंस्करण, वाणिज्यिक जल कृषि, निर्यात, कृषि सेवाएं, उत्पादन बाद की प्रौद्योगिकियां; परियोजना निर्माण और परियोजना मूल्यांकन, कृषि परियोजनाओं का मूल्यांकन में ज्ञान और कौशल; सफल समुद्री कृषि-व्यवसाय का प्रबंधन और सफल कृषि-व्यवसाय इकाइयों का दौरा; आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।

EDII, भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (ITEC), भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के साथ सहयोग से 2000-2001 विकासशील देशों के व्यवासायिको की क्षमता को बढावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इन 24 वर्षों के सफल सहयोग से संस्थान ने 190 प्रशिक्षण कोर्स का आयोजन किया है, जो उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं का आवरण करता हैं जिसमें अभी तक 4737 अधिकारियो को प्रशिक्षण दिया गया है।

अधिक जानकारी के लिए विजिट करे https://www.ediindia.org/

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