अहमदाबाद 26 फरवरी 2025: भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद का 16वां द्विवार्षिक सम्मेलन (3-दिवसीय) 26 फरवरी को संस्थान के परिसर में शुरू हुआ। ‘उद्यमिता’ परआधारित तीन दिवसीय सम्मेलन 28 फरवरी को समापन होगा। यह सम्मेलन शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और अभ्यासकर्ता के लिए एक मंच है ताकि वे उद्यमिता विकास के विभिन्न क्षेत्रों में अपने शोध अध्ययन और निष्कर्ष साझा कर सकें। ईडीआईआई 1994 से उद्यमिता पर द्विवार्षिक सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।
सम्मेलन के दौरान,9 से अधिक देशों के विद्वानों द्वारा उद्यमिता सिद्धांत और व्यवहार;उद्यमिता शिक्षा; उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र;मनोविज्ञान और उद्यमिता;एमएसएमई उद्यमिता;प्रौद्योगिकी और डिजिटल उद्यमिता;स्टार्टअप और नवाचार;हरित और स्थायी उद्यमिता;सामाजिक उद्यमिता;संस्कृति, परंपरा और मूल्य आधारित उद्यमिता;महिला उद्यमिता; ग्रामीण उद्यमिता एवं नवजात उद्यमिता और नए उद्यम निर्माण और पारिवारिक व्यवसाय के विषयों पर 148 शोध पत्र और अध्ययन प्रस्तुत किए गए।
सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि, प्रोफेसर (डॉ.) टी.वी. राव, फाउन्डर और चेयरमेन, टी. वी. राव लर्निंग सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, अहमदाबाद और भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद के पूर्व प्रोफेसर द्वारा किया गया। उन्होंने कहा, “आज की गतिशील अर्थव्यवस्था में, आर्थिक विकास और व्यावसायिक उन्नति को चलाने के लिए उद्यमिता विकास महत्वपूर्ण है। मेरा मानना है कि उद्यमिता एक मिशन है, एक शक्तिशाली बल जहां व्यक्ति वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाते हैं और सभी के लिए एक बेहतर भविष्य का निर्माण करते है । इस क्षेत्र के महत्व को देखते हुए, उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नियमित अनुसंधान और नीति वकालत करना महत्वपूर्ण है। यह एक अनूठा मंच है। मुझे विश्वास है कि सम्मेलन में चर्चा किए जाने वाले मुद्दे उद्यमिता के क्षेत्रमेंसकारात्मक प्रभाव डालेंगे।”
सम्मेलन को संबोधित करते हुए, डॉ. सुनील शुक्ला, डायरेक्टर जनरल, ईडीआईआई ने कहा, “द्विवार्षिक सम्मेलन लगातार दुनिया भर के शोधकर्ताओं और शिक्षकों को एक मंच प्रदान करता है, ताकि वे अपने विचारों और नवाचारों को साझा कर सकें जो उद्यमिता की जटिलताओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। अग्रणी शोधकर्ताओं और शिक्षकों को एक साथ लाकर, यह मंच शोध निष्कर्ष के प्रसार को सुगम बनाता है, नए दृष्टिकोणों को बढ़ावा देता है और उद्यमशीलता के भविष्य को आकार देता है, इस प्रकार इच्छुक उद्यमियों को सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान के साथ सशक्त बनाता है।”
सम्मेलन के भाग के रूप, उद्यमिता शिक्षा में नवाचारों पर चर्चा करने के लिए वाइस चांसलर्स /डायरेक्टर्स कॉन्क्लेव भी आयोजित किया गया। देश भर के विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व किया गया, जिसका संचालन प्रोफेसर (डॉ.) हरिवंश चतुर्वेदी, डायरेक्टर जनरल, आईआईएलएम दिल्ली, नई दिल्ली ने किया। पैनलिस्ट में प्रोफेसर (डॉ.) दीपक कुमार श्रीवास्तव, डायरेक्ट, भारतीय प्रबंधन संस्थान रांची; प्रोफेसर (डॉ.) रजत मूना, डायरेक्टर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर; प्रोफेसर (डॉ.) राजुल के. गज्जर, वाइस चांसलर, गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद; प्रोफेसर (डॉ.) रवि पी सिंह, प्रोवोस्ट, अडानी यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद; और प्रोफेसर (डॉ.) समीर सूद, डारेक्टर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, गांधीनगर शामिल थे।
सम्मेलन का एक अन्य महत्वपूर्ण आयोजन डॉक्टोरल कॉलोक्वियम था, जहाँ देश भर के पीएचडी विद्वानों और एफपीएम छात्रों को उनके शोध कार्य पर मार्गदर्शन दिया गया।
सम्मेलन में दो प्रकाशन रिलीज किए गए:
- जर्नलऑफएंटरप्रेन्योरशिपका 33वीं वोल्युम (एवं तीसरास्पेशियल ईश्यु), जो ‘उद्यमिता और समाज’ पर केंद्रित है, इस अवसर पर रिलीज किया गया। इस ईश्यु को एडिट प्रोफेसर (डॉ.) सुरेश भगवतुला, उद्यमिता के प्रोफेसरभारतीय प्रबंधन संस्थान में, बेंगलुरु ने किया था।
- कॉन्फ्रेंस एब्स्ट्रैक्ट बुकलेट