गुजरात, अहमदाबाद 31 मार्च 2025: रामचरितमानस के उत्तरकांड में गोस्वामी तुलसीदासजी संतों के स्वभाव का वर्णन करते हुए कहते हैं कि संत का हृदय मक्खन के समान कोमल होता है, जो दूसरों का दुःख देखकर सहज ही पिघल जाता है। इस परिभाषा को सजीव करते हुए प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु और रामकथा के मर्मज्ञ पूज्य मोरारी बापू ने भूकंप प्रभावित म्यांमार के लिए 9 करोड़ की सहायता राशि समर्पित की है।
शुक्रवार को भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में 7.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था, जिसके झटके चीन और भारत तक महसूस किए गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1,000 से अधिक लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है, जबकि अमरिकी एजेंसियों के अनुमान के अनुसार यह आंकड़ा 10,000 से अधिक हो सकता है। इस भूकंप से म्यांमार को भारी संपत्ति का नुकसान हुआ है।
पूज्य बापू की रामकथा आज अर्जेंटीना में शुरू हुई, जहां उन्होंने यह दुखद समाचार प्राप्त होने पर म्यांमार के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और म्यांमार की मुद्रा के अनुसार 9 करोड़ की सहायता राशि अर्पण की। यह आर्थिक सहायता यूके स्थित रामकथा श्रोता लॉर्ड डोलरभाई पोपट और श्री रमेशभाई सचदेव के माध्यम से म्यांमार रेडक्रॉस तक पहुंचाई जाएगी।
पूज्य बापू ने अर्जेंटीना की व्यासपीठ से इस अत्यंत दुखद घटना में मारे गए लोगों के निर्वाण के लिए प्रार्थना की है।