नई दिल्ली, 19जून, 2024:केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) के संचालन की व्यापक समीक्षा की और डीजीटी, इसकी योजनाओं और इसके संस्थानों की गहन समझ हासिल करने के लिए एक इमर्सिव सेशन में भाग लिया। इनमें इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (आईटीआई), नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनएसटीआई), द नेशनल इंस्ट्रक्शनल मीडिया इंस्टीट्यूट (निमी) और द सेंट्रल स्टाफ ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसटीएआरआई) शामिल हैं। यह सेशन भारत में संपूर्ण कौशल विकास इकोसिस्टम के उन्नयन और पुनर्जीवन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने डीजीटी द्वारा लंबे समय से चले आ रहे स्किलिंग इकोसिस्टम में से एक को पुनर्जीवित करने, उसकी कल्पना करने तथा पिछले दशक में 5000 से अधिक संस्थानों को जोड़ने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आईटीआई की अपनी इक्विटी तो है, लेकिन उन्हें नए सिरे से फोकस करने की जरूरत है। उन्होंने आईटीआई और एनएसटीआई में ब्लेंडेड लर्निंग की अनुशंसा की तथा डीजीटी से फ्लेक्सी एमओयू पार्टनरशिप और ड्यूल सिस्टम ऑफ ट्रेनिंग के माध्यम से इंडस्ट्री कोलैबोरेशन बढ़ाने का आग्रह किया।
मंत्री ने युवाओं को प्रासंगिक कौशल से सुसज्जित करने और इनोवेशन एवं उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देने में आईटीआई और एनएसटीआई की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्टेट-ऑफ-द आर्ट इंफ्रास्ट्रक्टर और टेक्नोलॉजी के साथ आईटीआई को आधुनिक बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही उन्होंने करिकुलम को अपडेट करने, कोर्स ड्यूरेशन की समीक्षा करने और आज की मार्केट डिमांड, विशेष रूप से उभरते क्षेत्रों में उनकी प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के महत्व पर भी बल दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई पहलों पर भी चर्चा की।
डीजीटी इकोसिस्टम के प्रदर्शन और संचालन की समीक्षा करते हुए, श्री जयन्त चौधरी ने इन संस्थानों से एडवांस कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने और प्रशिक्षकों के लिए निरंतर प्रोफेशनल डेवलपमेंट की योजना बनाने के साथ-साथ उन्हें लेटेस्ट इंडस्ट्री ट्रेंड के साथ अपडेट रखने के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम और सर्टिफिकेशन शुरू करने का आग्रह किया।
मंत्री ने एक मजबूत स्किल डेवलपमेंट इकोसिस्टम बनाने के लिए सरकारी निकायों, उद्योग भागीदारों और शैक्षणिक संस्थानों को शामिल करते हुए एक कोलैबोरेटिव अप्रोच अपनाने का आह्वान किया। प्रशिक्षण संस्थानों और रोजगार के अवसरों के बीच संबंध सुधारने की रणनीतियों पर चर्चा की गई, जिसमें क्षेत्रीय कौशल आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया और स्थानीय रोजगार आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षण कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए स्थानीय उद्योग साझेदारी को बढ़ावा दिया गया।
डिजिटल पहल भी समीक्षा का मुख्य केंद्र रही, जिसमें प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पहुंच और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और ई-लर्निंग टूल को इंटीग्रेट करने पर चर्चा की गई। श्री जयन्त चौधरी ने कहा कि कौशल विकास के लिए सभी डिजिटल मटेरियल और मीडियम को स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) प्लेटफॉर्म पर होस्ट किया जाना चाहिए ताकि ट्रेनिंग, असेसमेंट और कोर्स मटेरियल को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सके।
विभिन्न पहलों की प्रगति और प्रभाव को ट्रैक करने के लिए एक मजबूत मॉनिटरिंग और इवैल्यूएशन फ्रेमवर्क की आवश्यकता पर जोर दिया गया। नियमित फीडबैक मैकेनिज्म और डेटा-ड्रिवेन डिसिजन-मेकिंग को निरंतर सुधार के लिए प्रमुख कंपोनेंट्स के रूप में पहचाना गया। उन्होंने कहा कि आईटीआई की गुणवत्ता सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमें उनके संचालन और क्रियान्वयन पर कड़ी नजर रखनी चाहिए।
श्री जयन्त चौधरी ने भारत में कौशल विकास लैंडस्केप को बदलने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्रित प्रयास तेजी से बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था की मांगों को पूरा करने में सक्षम कुशल कार्यबल के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। समीक्षा बैठक का समापन सभी स्टेकहोल्डर्स से भारत को कौशल विकास में ग्लोबल लीडर बनाने के साझा विज़न को प्राप्त करने की दिशा में सहयोगात्मक रूप से कार्य करने के आह्वान के साथ हुआ।