यह आधुनिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट कॉमर्शियल वाहनों का उल्लेखनीय हब है, इसमें पर्यावरण की रक्षा करने वाले परिवहन समाधान भी शामिल हैं
लखनऊ, 7 मई 2024 : टाटा मोटर्स, कॉमर्शियल वाहन बनाने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी, ने लखनऊ स्थित अपनी आधुनिक फैक्ट्री से 9,00,000वें वाहन को रोल-आउट करने का जश्न मनाया। टाटा मोटर्स के इस नए वाहन को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर लखनऊ स्थित फैक्ट्री पर टाटा मोटर्स के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
टाटा मोटर्स की लखनऊ स्थित फैक्ट्री 600 एकड़ में फैली हुई है। यह स्थिर निर्माण प्रक्रिया के प्रति टाटा मोटर्स की प्रतिबद्घता का जीता-जागता सबूत है। भारतीय उद्योग परिसंघ ने इसे वॉटर पॉजिटिव प्लांट के रूप में मान्यता दी है। इस संयंत्र में छह मेगावॉट का सोलर पावर प्लांट लगाया गया, जिससे कार्बन उत्सर्जन की मात्रा में उल्लेखनीय ढंग से कमी आई है। यह प्लांट अल्ट्रा मॉडर्न व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग स्टेशन को बढ़ावा देता है। यहां रोबोटिक पेंट बूथ और बॉडी इन वाइट शॉप जैसी सुविधाएं है। इसके साथ ही अन्य विशेषताओं के साथ यहां रोबोटिक स्पॉट वेल्डिंग की सुविधा है। 1992 में अपनी शुरुआत के बाद से इस फैक्ट्री से कई यात्री और मालवाहक वाहनों का निर्माण किया है, जिसमें हल्के, मध्यवर्ती, मध्यम और भारी कॉमर्शियल वाहनों के साथ बिजली और फ्यूल सेल से चलने वाली इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं।
टाटा मोटर्स के लखनऊ स्थित संयंत्र से 9,00,000वें वाहन के रोल आउट के बारे में उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा, “मैं इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए टाटा मोटर्स को बधाईयां देता हूं। यह उपलब्धि मौजूदा और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए आधुनिक, सुरक्षित और स्वच्छ पर्यावरण के अनुकूल आवागमन के साधनों को प्रदान करने में टाटा मोटर्स की शानदार उपलब्धि को उभारती है। इसके अलावा कंपनी महिलाओं को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने इस साल की जाने वाली भर्तियों में 22 फीसदी से ज्यादा महिलाओं को प्रतिनिधित्व देकर महिला सशक्तीकरण की मिसाल पेश की है। यह निर्माण क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ाने का उल्लेखनीय कदम है।’’
टाटा मोटर्स कॉमर्शियल व्हीकल्स में ऑपरेशंस हेड और वाइस प्रेसिडेंट श्री विशाल बादशाह ने कहा, “लखनऊ स्थित प्लांट से 9,00,000वें वाहन का रोल आउट टाटा मोटर्स के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस प्लांट ने आधुनिक इलेक्ट्रिक बसों के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई है। इस प्लांट में बनी 1200 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसों की डिलिवरी की गई है, जिन्होंने कुल मिलाकर देश में लाखों किलोमीटर की दूरी तय की है। उत्तर प्रदेश हमारे लिए प्रमुख बाजारों में से एक है। उत्तरप्रदेश सरकार इस समय आधारभूत ढांचे के निर्माण पर खास जोर दे रही है। सरकार की नीति ने व्यावसायिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाई है। अब हमारा पूरा ध्यान इंडस्ट्री 4.0 एकीकरण पर है। इस प्लांट से हमारे उपभोक्ताओं को सुरक्षित, स्मार्ट और स्वच्छ पर्यावरण के अनुकूल आवागमन के साधन मिल रहे हैं। हम इस उल्लेखनीय उपलब्धि का जश्न मनाते हुए अपने उपभोक्ताओं, साझीदारों और सभी साथियों का आभार व्यक्त करते हैं।’’
इस अवसर पर टाटा मोटर्स कॉमर्शियल व्हीकल्स में लखनऊ के प्लांट हेड श्री महेश सुगुरु ने कहा, “प्लांट में हमारे 9,00,000वें वाहन को निकालना उत्कृष्टता एवं नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का सबूत है। वाहनों के निर्माण के लिए आधुनिक तकनीक और सुव्यवस्थित कार्यशाली अपनाकर हमने प्लांट को आदर्श तरीके से संचालित किया है। इससे सर्वश्रेष्ठ वाहनों के निर्माण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है, जो उपभोक्ताओं के लिए उनकी उम्मीद से कहीं बढ़कर प्रदर्शन करते हैं।’’
टाटा मोटर्स ने लैंगिक समावेश और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के मामले में नए मानक स्थापित किए हैं। इस समय प्लांट में तकनीकी कर्मचारियों की संख्या में एक तिहाई संख्या महिलाओं की है, जो सभी ऑपरेशनल शिफ्ट्स में सक्रियता से अपनी भागीदारी निभा रही हैं। प्लांट में महिलाएं तरह-तरह के कॉमर्शियल वाहनों के उत्पादन में अलग-अलग कौशल को प्रदर्शित कर रही है, जिनमें ट्रक और बसें भी शामिल हैं। कंपनी ने महिला कर्मचारियों के संपूर्ण विकास के लिए गहराई से निवेश किया है। उनके कौशल को बढ़ावा देने के लिए कंपनी ने विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों और वर्कशॉप का आयोजन किया। इस साल टाटा मोटर्स में हुई नई भर्तियों में 22 फीसदी से ज्यादा महिलायें हैं। मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में महिलाओं के योगदान को बढ़ावा देने के लिए टाटा मोटर्स ने महिलाओं के गौरवशाली समर्थक की भूमिका हमेशा निभाई है।