मोरारि बापु को न्यूयोर्क सीटि का सबसे बडा सन्मान-एवोर्ड दिया गया।।
मोरारिबापु ने व्यास पीठ का सन्मान कहकर सविनय ये एवोर्ड प्रसाद के रुप में मनोरथी परिवार को अर्पण कर दिया।।
“भारत का ही नहीं पूरे विश्व का भविष्य उज्जवल है”
“उसकी वाणी में बल है जिसे फल की आकांक्षा नहीं।।”
“धर्म,अर्थ,काम सब छूट जाए और बाकी बचे वह मोक्ष है।।”
विश्व को यंत्रमानव और तंत्रमानव की नहि, मंत्रमानव की ज्यादा जरुरत है।।
युनो हेडक्वार्टर से प्रवाहित रामकथा के चौथे दिन कथा के आरंभ में न्यूयॉर्क सिटी मेयर कमिश्नर और भारतीय राजदूत कचेरी के चीफ ऑफ स्टाफ,डिप्टी कमिश्नर दिलीप चौहान,सुरेंद्र अड़ाना,अमित कुमार और न्यूयोर्क सीटि के ११० वें मेयर एरिक हेडन की हाजिरी में एक दिव्य कार्यक्रम हुआ।। न्यूयॉर्क सिटी का सबसे बड़ा सम्मान-अवार्ड बापू को अर्पण किया गया।।
इस वक्त बहुत से देश के प्रतिनिधियों के साथ भारतीय कंसोलेशन कचहरी का पूरा स्टाफ उपस्थित था।।
सबने अपने भाव भी रखते हुए बताया के न्यूयॉर्क सिटी हार्ट ऑफ द वर्ल्ड है और वहां आज मोरारि बापू बैठे हैं।।कंसल्टेंट्स जनरल विनय प्रधान ने अपने प्रासंगिक उद्बोधन में कहा कि मुझे बापू को वेलकम करने का मौका दिया गया। पिछले साल झांझीबार और तंजानिया के राजदूत रहते हुए मैं सालों से बापू की कथा सुनता हूं और प्रेरणा भी पाता हूं। कहा कि हर साल आप आइएगा, ना हो सके तो ३ साल में जरूर आइए।। यह कहा कि ३० से ज्यादा देशों से लोग यहां इकट्ठे हुए हैं और यह सब करने के पीछे आशीष और कृष्णा ने बहुत मेहनत की उनका भी आभार व्यक्त किया।। यह बताया कि ११ लाख से ज्यादा विद्यार्थी यहां पढ़ाई करते हैं।।भारतीय त्योहार दिवाली पर भी छुट्टी नहीं मिलती थी। लेकिन पहली बार न्यूयॉर्क के मेयर हैरिक एडम ने न्यूयॉर्क सिटी में दिवाली की छूट्टी घोषित की है और बापू भी यहां है! और एरिक एडम द्वारा स्पेशल मैसेज,आउटस्टैंडिंग ओनर और प्रेजेंट अवार्ड सब मिलकर बापू को दिया गया।। मिले हुए अवार्ड की प्रतिक्रिया देते हुए बापू ने कहा कि यह कथा और मंगलकारी है। मंगल भवन में आप सब का स्वागत है। आज यहां भारतीय व्यास पीठ, वैश्विक व्यास पीठ,त्रिभुवनीय व्यास पीठ का सम्मान हुआ। आत्मीय आदरणीय महानुभाव को साधुवाद देता हूं।।आपने आदर दिया आपकी उदारता है।शील है। मनुष्य तत्व का यह स्वभाव है। वह स्वागत करता हूं।।
बापू ने कहा कि मैं आदर,एवोर्ड अपनी सर आंखों पर चढ़ाता हुं क्योंकि यह व्यास पीठ का सम्मान है।। लेकिन यह घटना के मूल में रमाबेन जसाणी परिवार के सदस्य आशीष और कृष्णा है।। जो भी आदर रखा गया व्यास पीठ के प्रसाद के रूप में मैं यह दोनों को सविनय प्रदान करता हूं।।
बापू ने कहा कि मेरा दावा नहीं लेकिन भाव के साथ कहना चाहता हूं यह संस्था जो काम कर रही है साधार कहूंगा इसके बीज रूप सूत्र रामचरितमानस में है।।
विश्व को यंत्रमानव और तंत्रमानव की नहि,मंत्रमानव की ज्यादा जरुरत है।।
मंत्र का मतलब विवेक विचार,हार्दिक विचार।।
एक प्रश्न पूछा गया कि विश्व बंधुत्व की स्थापना कैसे हो? सभी सूत्र मानस में है तो विश्व बंधुत्व का सूत्र है कि नहीं? बापू ने कहा कि त्रिभुवन कृपा से कहूंगा है,है और है।।
दो विश्व युद्ध वाणी के कारण हुए।। केंद्र में, मूल में गर्भ में वहां वाणी है।। अब तीसरा विश्व युद्ध होगा, भगवान करे ना हो, लेकिन वैज्ञानिक कहते हैं कि यदि हुआ तो पानी के कारण होगा।। हार्दिक विचार विश्व बंधुत्व के सटीक सूत्र मानस में है।। एक पंक्ति गाई जहां सब सूत्र मिलते हैं।।
बापू ने कहा की वाणी के चार प्रकार है: परा, पश्यंति,वैखरी और मध्यमा।। यह भी बताया कि भारत का ही नहीं पूरे विश्व का भविष्य उज्जवल है प्रमाण नहीं मेरे अंतःकरण की प्रवृत्ति कहती हैं।
परा श्रृंगार कर रही है। पश्यंति देखकर बोलने वाली बानी है। मध्यमा मौन है और वैखरी अभी अक्षर से बाहर है।।
वाणी रूपी गाय का एक आंचल है:बल।। उसकी वाणी में बल है जिसे फल की आकांक्षा नहीं।।
बापू ने कहा कि धर्म,अर्थ,काम सब छूट जाए और बाकी बचे वह मोक्ष है।।उसे मुक्ति कहो निर्वाण कहो जो भी कहो।।
विश्व बंधुत्व के लिए हमारा परिवार, हमारी वसुधा का पैड सुख क्यों रहा है? क्योंकि मूल में पांच कीड़े हैं:अहंकार,अधिकार,अस्विकार,
अवलोकनि बोलनि मिलनि प्रीति परस्पर हास।
भायप भलि चहु बंधु की मोह जल माधुरी सुबास
इसलिए अच्छे भाव से देखें।अच्छे भाव से एक दूसरे के साथ बोलें और मिले।।
विश्व संस्था के मंच से कहता हूं कि मिनिमम कॉमन फैक्टर मनुष्य होना चाहिए।। इसीलिए राम ब्रह्म को छोड़कर मनुष्य बने हैं।।