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गुजरात में अमेजन के खिलौनों और किताबों की बिक्री में तेज़ी से हुई बढ़ोतरी, माता-पिता अब बच्चों की बौद्धिक क्षमता और कौशल विकास को दे रहे अधिक महत्व

  • माता-पिता अब बच्चों की सक्रिय शिक्षा और समग्र विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं, इसलिए वे मनोरंजन के पारंपरिक साधनों की जगह साइंस और क्राफ्ट किट्स, बिल्डिंग सेट्स, बोर्ड गेम्स, पज़ल्स और राइड-ऑन्स जैसे एसटीईएम और लर्निंग टॉयज़ को चुन रहे हैं, जिनकी वार्षिक मांग में 1.2 गुना वृद्धि हुई है।
  • स्टार वॉर्स, ट्रांसफॉर्मर्स, हैरी पॉटर और मार्वल जैसे फैंडम आधारित खिलौनों की मांग 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों यानी “किडल्ट्स” में 1.3 गुना बढ़ गई है।
  • बच्चों की किताबों में नए ग्राहकों की संख्या दोगुनी हो गई है, जबकि सेल्फ-हेल्प पुस्तकों की बिक्री में भी 1.3 गुना बढ़ोतरी देखी गई है, क्योंकि परिवार अब बच्चों के लिए उद्देश्यपूर्ण और सीखने से भरपूर दिनचर्या तैयार कर रहे हैं।
  • गुजराती साहित्य के प्रति रुचि में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिसमें ‘डॉ. निमित ओझा की सतोरी’ जैसी क्षेत्रीय पुस्तकें सबसे अधिक खोजी जा रही हैं।
  • अहमदाबाद में अमेज़न प्राइम सदस्यों द्वारा खरीदी गई हर 2 में से 1 किताब और खिलौना अगले दिन ही डिलीवर हो जाता है, राज्यभर में 14 से अधिक भारतीय भाषाओं में 2 लाख से अधिक किताबें और 30,000 से अधिक खिलौने एक दिन में डिलीवरी के लिए उपलब्ध हैं।

अहमदाबाद 29 मई 2025: अमेज़न इंडिया की किताबों और खिलौनों की श्रेणी ने गुजरात में दो अंकों की वृद्धि दर्ज की है, जो यह दर्शाता है कि माता-पिता अब बच्चों के विकास के लिए एक नई सोच अपना रहे हैं। लर्निंग टॉयज़, बोर्ड गेम्स, पज़ल्स और एसटीईएम किट्स में तेज़ वृद्धि देखने को मिल रही है, वहीं बच्चों और फिक्शन किताबों की बढ़ती मांग से स्पष्ट है कि राज्यभर के परिवार अब सक्रिय शिक्षा को अपना रहे हैं। यह एक उद्देश्यपूर्ण पेरेंटिंग की लहर है, जो बच्चों के सीखने, बढ़ने और खेलने के तरीके को नया आकार दे रही है। गुजरात उन शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है जहां सबसे तेज़ी से नए ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है। अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा जैसे प्रमुख शहरों में मजबूत प्रदर्शन देखा गया है, जबकि वलसाड, मेहसाणा, हिम्मतनगर और जामनगर जैसे उभरते शहरों में भी पारंपरिक महानगरों से आगे बढ़ते हुए उल्लेखनीय विस्तार हो रहा है।

अमेजन इंडिया के डायरेक्टर – बुक्स एंड टॉयज़ राजर्षि गुएन ने कहा, “गुजरात के युवा ग्राहक यह परिभाषित कर रहे हैं कि परिवार अब सीखने और खेलने से कैसे जुड़ते हैं। माता-पिता अब ऐसे विकल्प तलाश रहे हैं, जिनसे बच्चे खासकर छुट्टियों और स्कूल के बाद के समय में बिना गैजेट्स के व्यस्त रह सकें। हम एक बड़े सांस्कृतिक बदलाव को देख रहे हैं, जहां पारंपरिक शैक्षणिक रुचियों और व्यावहारिक कौशल विकास का रोचक मेल हो रहा है। परिवार अब ऐसे उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं जो मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षा भी प्रदान करें, जैसे कि संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देने वाले साइंस एक्सपेरिमेंट किट्स, मोटर स्किल्स को विकसित करने वाले आउटडोर टॉयज़, और पीढ़ियों को जोड़ने वाला क्षेत्रीय साहित्य। यह अर्थपूर्ण उपभोग की ओर हो रहा बदलाव, जो जागरूक पेरेंटिंग विकल्पों से प्रेरित है, गुजरात में उभरती हुई लर्निंग-आधारित संस्कृति को दर्शाता है। तेज डिलीवरी भी अब सोच-समझकर उपहार देने को बढ़ावा दे रही है, जहां ग्राहक कौशल विकास वाले खिलौनों और किताबों को सार्थक तोहफों के रूप में चुन रहे हैं।”

‘थिस बुक वोंट टीच यू पेरेंटिंग’ की लेखिका सुश्री रीरी त्रिवेदी ने कहा, “गुजरात के माता-पिता अपने बच्चों के विकास और प्रगति को लेकर बेहद सजग और सोच-समझकर फैसले ले रहे हैं। शैक्षणिक खिलौनों और अर्थपूर्ण किताबों की ओर हो रहा यह रुझान इस गहरी समझ को दर्शाता है कि प्रारंभिक अनुभव ही जीवन भर की सीख का आधार बनते हैं। जब परिवार बच्चों की दैनिक दिनचर्या में निष्क्रिय मनोरंजन की जगह सक्रिय सहभागिता को प्राथमिकता देते हैं, तो वे उनके लिए ऐसे सकारात्मक आधार तैयार करते हैं जो जीवन भर उनके काम आते हैं।”

नई पेरेंटिंग प्लेबुक: खेल के माध्यम से सीखना

बदलाव सबसे स्पष्ट रूप से खिलौनों की पसंद में देखा जा सकता है, जहां शैक्षणिक और कौशल-विकास से जुड़े उत्पादों की मांग में असाधारण वृद्धि हो रही है। गुजरात में बिल्डिंग सेट्स की बिक्री में साल-दर-साल 1.5 गुना की वृद्धि हो रही है, जबकि बोर्ड गेम्स, पज़ल्स, टॉडलर टॉयज़, रिमोट कंट्रोल वाहनों और राइड-ऑन्स में भी दो अंकों की मजबूत बढ़ोतरी देखी गई है। रिमोट कंट्रोल कार्स की लोकप्रियता लगातार बनी हुई है, ये लगातार चार तिमाहियों से 2 गुना वृद्धि दर्ज कर रही हैं, जो यह दर्शाता है कि अब ऐसे उत्पादों को प्राथमिकता दी जा रही है जो मनोरंजन के साथ-साथ मोटर स्किल्स का भी विकास करते हैं। एक और दिलचस्प प्रवृत्ति है फैंडम थीम वाले खिलौनों का उभरना, जैसे कि स्टार वॉर्स की लाइट सेबर, मार्वल के एक्शन फिगर्स आदि, जो “किडल्ट्स” (12+ उम्र वर्ग) के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। यह “पहले खेल, फिर सीख” वाली सोच बच्चों की किताबों की बिक्री में भी देखने को मिल रही है, जहां नए ग्राहकों की संख्या में सालाना 2 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। यह इस बात का संकेत है कि माता-पिता अब स्क्रीन-फ्री शाम और सप्ताहांत की दिनचर्या तैयार करने पर ध्यान दे रहे हैं।

सजग पेरेंटिंग के बढ़ते चलन का सीधा असर सेल्फ-हेल्प पुस्तकों की मांग पर पड़ रहा है। “द साइकोलॉजी ऑफ मनी”, “एटॉमिक हैबिट्स” और “रिच डैड पुअर डैड” जैसी किताबों की बिक्री में 1.3 गुना की वृद्धि देखी गई है। आज के माता-पिता अपने बच्चों की शिक्षा यात्रा में भावनात्मक समझ और समग्र विकास को शुरू से ही प्राथमिकता दे
रहे हैं।

साहित्य: सांस्कृतिक सेतु
गुजरात के परिवार परंपरा और नवाचार के बीच एक खास संतुलन बना रहे हैं और अपने बच्चों में सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने के लिए साहित्य का सहारा ले रहे हैं। अहमदाबाद में गुजराती साहित्य की बिक्री में सालाना करीब 20% की बढ़ोतरी देखी गई है, जिसमें ‘सतोरी’ (डॉ. निमित ओझा द्वारा), “मन ना मोनोलॉग्स” और “मानवी नी भवाई” जैसी लोकप्रिय किताबें शामिल हैं।

तुरंत मनोरंजन की बजाय गुणवत्तापूर्ण निवेश
आधुनिक माता-पिता अपनी बदलती प्राथमिकताओं के तहत अपने बच्चों के दीर्घकालिक संज्ञानात्मक, सामाजिक और मोटर कौशल विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस वजह से 10,000 रुपये से ऊपर कीमत वाले प्रीमियम खिलौनों जैसे इलेक्ट्रिक राइड-ऑन और उन्नत बिल्डिंग सेट की मांग में खासा इजाफा हुआ है। अब माता-पिता खिलौनों को सिर्फ थोड़े समय का मनोरंजन नहीं बल्कि बच्चों के विकास में एक महत्वपूर्ण निवेश मानते हैं।

अमेजन इस बदलाव को आगे बढ़ा रहा है, गुजरात के सभी सेवा योग्य पिन कोड्स में 2 करोड़ से ज्यादा किताबें और 20 लाख से अधिक खिलौने पहुंचा रहा है। इनमें 14 से अधिक भारतीय भाषाओं में 2 लाख से अधिक किताबें और 30,000 से ज्यादा खिलौने एक ही दिन में डिलीवरी के विकल्प के साथ उपलब्ध हैं। अहमदाबाद में अमेज़न प्राइम सदस्यों द्वारा खरीदी गई हर 2 में से 1 किताब और खिलौना अगले दिन ही डिलीवर हो जाता है । यह तेजी क्रांति अहमदाबाद में उपहार स्वरूप खिलौने खरीदने में 2 गुना वृद्धि ला रही है, जिससे परिवार अचानक सीखने के मौके और अर्थपूर्ण उपहार देने के अनुभव आसानी से बना पा रहे हैं।

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