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आदरणीय प्रधानमंत्री की युक्रेन की सदभाव यात्रा और युध्ध रोकने के प्रयासो पर बापु ने भी सफलता के लिये प्रार्थना की।।

क्रोध,काम,लोभ यह आवेग है,अटैक है यह कायमी नहीं है। काम चलाउ रोग है।।

भजनानंदी का जीवन व्यापार चार बात पर चलता है:सांस-सांस पर,नेत्र की पलकों पर,हर धड़कन पर और हर कदम पर हरि नाम लेता है।।

कृष्ण जन्म के पूर्व दिनों में पंचाजीरी प्रसाद:हर बात का स्वीकार करें,सबको प्यार करें,सबके लिए जिनका खुला द्वार है,संसार का सार समझाता हो और जो पुकार करे वह साधु है।।

योग्यकर्ता की पावन भूमि इन्डोनेशिया में चल रही नवदिवसीय रामकथा के आंठवे दिन कथा के आरंभ में बापू ने यहां सायं काल को हो रही सभी प्रस्तुति को प्रसन्नता से सम्मान देते हुए मनोरथी बाबूजी और माताजी ने कल शाम जो यहां गाया,और सभी प्रस्तुति को सराहा।।

बापू ने एक बड़ी बात कही की:व्यासपीठ युद्ध आतंक और अमानुषी वृत्ति से जल रही दुनिया के प्रति संवेदनशील है।।भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री साहब कुछ घंटे के लिए यूक्रेन गए।।वहां के वडा प्रधान से मुलाकात की। सद्भावना जताई और वहां युद्ध में मारे गए बालकों को श्रद्धांजलि पेश की।। भारत का सद्भाव पूर्ण रवैया ही रहा है और बातचीत करने की जो भूमिका भारत कर रहा है, सहयोग कर रहा है बापू ने कहा कि प्रधानमंत्री के सद्भाव कार्य को हनुमान जी के चरणों में प्रार्थना करुं कि यह प्रयासों को सद्भाव मिले और युद्ध अटके।। ऐसी प्रभु प्रार्थना की।।

किसी ने पूछा था कि हमारे अंदर एक दुर्योधन बैठा है। जो लाचारी पूर्वक कहता है,कि सभी धर्म में जानता हूं लेकिन पालन नहीं कर सकता,सभी अधर्म जानता हूं लेकिन मुक्त नहीं हो सकता! यह दुर्योधनिवृत्ति,यह स्वभाव कहां से आता है? और वह नष्ट हो और अर्जुन वृत्ति आए इसके लिए हम क्या कर सकते हैं?

बापू ने कहा की बहुत आदर भाव के साथ गीता का पाठ करें।।एक अध्याय,या कुछ मंत्र,जितना हो सके बापू ने कहा कि क्रोध बहुत आता है। सबको क्रोध के असुर ने पकड़ रखा है।क्रोध,काम,लोभ यह आवेग है,अटैक है। यह कायमी नहीं है। काम चलाउ रोग है।।काम का आवेग आता है तो भय और लज्जा नहीं रहते हैं।।उपाय तो बहुत है लेकिन हम केवल पूछते हैं। उपाय में गंभीर नहीं है।। बापू ने कहा काम,क्रोध,लोभ के केंद्र में मन है।।शंकराचार्य जी का एक मंत्र है।जो दुर्योधनी वृत्ति को कम करने के लिए सहायक होगा। शंकराचार्य जी ने चार मार्ग बताए हैं:

प्राण स्पंद निरोधात् सतसंगात वासना त्यागात

हरिचरण भक्तियोगात् मन:सवेगं जहाति शनै: शनै:

एक उपाय है अपने सांस की प्रक्रिया को कम करें। स्वास्थ्य जीन का ठीक है उसके प्राणों का रिधम होता है।जब क्रोध आता है तो रिधम टूटती है। सांस की गति बढ़ती है।।अध्यात्म जगत का आरोग्य प्रकरण कहता है तंदुरुस्त व्यक्ति के सांस की २४ घंटो में २१६०० सांस चलती है।। लेकिन मन में आवेग आता है तब गति तेज होती है। तब तबीयत बिगड़ती है। मम बिगड़ेगा।। प्राण का स्पंदन नियंत्रित करें।। लेकिन निरोध का उपाय क्या है? सांस-सांस पर हरिनाम।। भजनानंदी का जीवन व्यापार चार बात पर चलता है:सांस-सांस पर, नेत्र की पलकों पर,हर धड़कन पर और हर कदम पर हरि नाम लेता है।।

प्राणायाम यदि कठिन पड़े तो साधु पुरुष का संग करो।। हम किसी साधु पुरुष के संग में होते हैं तब सांसों का रिधम बिल्कुल संयमित रहता है। चिंता संताप दूर होते हैं।।

बापू ने कहा कि अब कृष्ण जन्म आने वाला है तब पंचाजीरी-पंजरी प्रसाद बांचते हैं।। मैं भी कहूं कि यह पांच वस्तु दिखे उसे साधु समझना:

हर बात का स्वीकार करें,सबको प्यार करें,सबके लिए जिनका खुला द्वार है,संसार का सार समझाता हो और जो पुकार करे वह साधु है।।

तीसरा उपाय है वासना का त्याग।। सांसारियों को एषणायें होती है वासना ज्ञानियों के लिए है।। ज्ञानियों में तीन वासना होती है:शास्त्र वासना, देहवासना और लोक वासना।।

और चौथा उपाय है परमात्मा के चरणों में प्रीति।

बापू ने कथा प्रवाह में कल नामकरण संस्करण की कथा की थी।।आज विश्वामित्र के साथ राम और लक्ष्मण यज्ञ रक्षा के लिए निकले हैं। बीच में ताड़का का उद्धार किया और अहल्या को भी गति प्रदान करके जनकपुर में आए।। राम लक्ष्मण जनकपुर में नगर दर्शन पर निकले और सभी को मोहित किया।। दूसरे दिन गुरु के लिए पुष्प चुनने के लिए पुष्प वाटिका में गए। वहां सीता द्वारा मां भवानी की गौरी स्तुति का गान हुआ:

जय जय गिरिवर राज किशोरी।

जय महेश मुख चंद्र चकोरी।।

बापू ने कहा कि यदि कोई कुंवारी कन्या श्रद्धा से ये स्तुति का गान करेगी तो उसे मनवांछित वर मिलेगा भवानी की मूर्ति डोली और मां जानकी को आशीर्वाद प्रदान किया।।और फिर धनुष्य यज्ञ में राम ने धनुष्य तोड़ा। विवाह हुआ और चारों भाइयों के विवाह के बाद अयोध्या में सब आए।।और विश्वामित्र ने अयोध्या से विदाई मांगी और बालकांड का समापन हुआ।।

कल यह राम कथा का विराम दिन है और कथा स्थानिक समय सुबह ७:०० बजे और भारतीय समय अनुसार सुबह ४:३० बजे शुरू होगी।।

 

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