पूरे टूर्नामेंट में खेलने वाले देशों के राष्ट्रध्वजों और क्रिकेट 4 गुड के झंडों का इस्तेमाल मैचों की ओपेनिंग सेरेमनी के दौरान राष्ट्रगान समारोह में किया गया
नई दिल्ली, 10 जुलाई 2024: अमेरिका और वेस्ट इंडीज में आयोजित आईसीसी मेन्स टी20 वर्ल्ड कप 2024 का रोमांचक समापन हो चुका है। इस टूर्नामेंट में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब अपने नाम कर लिया है। इस ख़ुशी के मौके पर, कोका-कोला इंडिया और आईसीसी ने एक अनोखी पहल शुरू की है। उन्होंने क्रिकेट के जुनून को पर्यावरण की रक्षा से जोड़कर एक ताज़ा बदलाव लाने का काम किया है।
इस साल के मेन्स टी20 वर्ल्ड कप मैचों में ‘भारत में निर्मित’ राष्ट्रीय ध्वज और क्रिकेट 4 गुड के झंडे देखने को मिले। इन झंडों को उपभोग ग्राहकों द्वारा इस्तेमाल की गई रिसाइकल्ड पीईटी बोतलों से बनाया गया। इन बोतलों को पॉलीएस्टर कपड़े और रिसाइकल करने योग्य धागे में परिवर्तित किया गया, जिसे पुन:चक्रित कचरे और प्लास्टिक की बोतलों से बनाया गया था। विभिन्न स्टेडियमों में राष्ट्रगान समारोह के दौरान इन झंडों को गर्व से फहराया गया था।
कोका-कोला इंडिया ने रिसाइकल्ड पीईटी से बने राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन पहली बार 2023 में आईसीसी मेन्स क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान किया था। यह दुनिया की पहली कंपनी है, जिसने क्रिकेट में इन झंडों की पेशकश की। इस प्रमुख आयोजन के दौरान पिछली कई हरित पहलों का स्थायी असर देखने के बाद कोका-कोला इंडिया ने इसमें भाग लेने वाले 20 देशों के राष्ट्रध्वज बनाकर पर्यावरण के लिये जिम्मेदारी का भाव दिखाना जारी रखा है। 35 बाय 20 मीटर आकार वाले यह झंडे दुनिया में सबसे बड़े हैं और आईसीसी क्रिकेट 4 गुड के भी नौ झंडे हैं।
इसके अलावा, थम्स अप भी आईसीसी मेन्स टी20 वर्ल्ड कप 2024 का ऑफिशियल बेवरेज एण्ड स्पोर्ट्स ड्रिंक पार्टनर था। हाल ही में, कोका-कोला ने आईसीसी के साथ अपनी भागीदारी का विस्तार किया है और 2031 तक आईसीसी के आयोजनों का ग्लोबल पार्टनर बनने का वचन दिया है। यह नया गठबंधन तीनों फॉर्मेट में किकेट के लिये कोका-कोला के सहयोग को मजबूती देता है और दुनियाभर में इस खेल पर उसका स्थायी प्रभाव सुनिश्चित करता है।
हर राष्ट्रध्वज के लिये लगभग 11,000 पीईटी बोतलों का इस्तेमाल हुआ है और आईसीसी क्रिकेट 4 गुड का हर झंडा 2000 बोतलों से बना है। इन्हें कंपनी के पार्टनर गणेशा इकोवर्स लिमिटेड के गो रिवाइज़ ने बनाया है। इन झंडों की पैकेजिंग भी रिसाइकल्ड मटेरियल से हुई है, जो सस्टेनेबिलिटी को लेकर एक संपूर्ण नजरिये पर जोर देती है। यह झंडे ग्लोबल रिसाइकल्ड स्टैण्डर्ड (जीआरएस) से प्रमाणित भी हैं और रिसाइकल्ड मटेरियल, सामाजिक एवं पर्यावरणीय व्यवसायों तथा निषेध रसायनों के लिये अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। इसके अलावा, छंटनी के लिये अत्याधुनिक एआई प्रणालियों के इस्तेमाल ने कचरे को छांटने की क्षमता और संसाधनों की भरपाई को बढ़ाया है। इसके साथ ही संग्रह की प्रणालियों ने कचरे का काम करने वाले 50000 से अधिक लोगों को सशक्त किया है, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। इन शानदार झंडों को बनाने में 600 लोगों की एक समर्पित टीम ने काम किया है। हर झंडा कार्बन का 60% कम उत्सर्जन करता है, सैकड़ों किलो कचरे को कूड़ाक्षेत्रों मे जाने से बचाता है और जीवाष्म ईंधन से बने संसाधनों पर निर्भरता को कम करता है।
कोका-कोला इंडिया एण्ड साउथ वेस्ट एशिया (आईएनएसडब्ल्यूए) में सीएसआर एवं सस्टेनेबिलिटी के सीनियर डायरेक्टर राजेश अयापिल्ला ने कहा, ‘‘आईसीसी मेन्स टी20 वर्ल्ड कप 2024 में संवहनीयता के लिये अपनी प्रतिबद्धता को क्रिकेट के जुनून से मिलाकर हम उत्साहित हैं। रिसाइकल्ड पीईटी के यह झंडे चक्रीयता और पर्यावरण के लिये जिम्मेदार रहने का हमारा समर्पण दिखाते हैं। इस्तेमाल के बाद प्लास्टिक की बोतलों को राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बनाकर हमने प्रशंसकों की सराहना की है और अधिक हरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाया है। हमारा मानना है कि यह पहल भविष्य के आयोजनों में एक परंपरा कायम करेगी और सकारात्मक बदलाव को प्रेरित करती रहेगी।’’
आईसीसी के चीफ कॉमर्शियल ऑफीसर अनुराग दहिया ने कहा, ‘‘आईसीसी वर्ल्ड कप्स एक बार फिर वह शानदार मंच साबित हुए हैं, जहाँ कोका-कोला और आईसीसी की भागीदारी दिखी है। इससे क्रिकेट और पर्यावरण के लिये हमारी साझा प्रतिबद्धता का पता चलता है। ‘भारत में निर्मित’ रिसाइकल्ड पीईटी के झंडे हमारी मौजूदा भागीदारी की एक जोरदार पहल थे। इन झंडों ने राष्ट्रगान समारोहों के वातावरण को जीवंत बनाया और दिखा दिया कि इनोवेशन से क्रिकेट में संवहनीयता कैसे आ सकती है।’’
गो रिवाइज़ के फाउंडर यश शर्मा ने कहा, ‘’हमारा मिशन इस्तेमाल करके फेंकी गई हर बोतल को कुशलता से रिसाइकल करके उच्च-स्तर के उत्पाद बनाना और अपने संसाधनों को नया जीवन देते रहना है। आईसीसी वर्ल्ड कप में प्रशंसकों ने अपने-अपने देश की टीमों का उत्साह बढ़ाया, जबकि दुनिया ने उपभोग-के बाद मिले कचरे के पुन:चक्रण में भारत की तकनीकी दक्षता और खेलों का नजारा देखा। 100 से अधिक महिला एवं पुरुष कारीगरों की कला ने संवहनीयता एवं खेल भावना के प्रतीक दिये, जो रिसाइकल्ड पीईटी बोतलों से बने थे। खेलों में पर्यावरण की रक्षा को बढ़ावा देने के लिये कोका-कोला की प्रतिबद्धता में उनका भागीदार बनने पर हमें गर्व है।’’
इस अभिनव पहल के माध्यम से कोला-कोला इंडिया और आईसीसी न केवल एक स्थायी भविष्य को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि क्रिकेट के प्रशंसकों को पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं।