Homeगुजरातस्विकृति हमारी प्रकृति बन जाए तब परिणाम संस्कृति के सिवा कुछ नहीं...

स्विकृति हमारी प्रकृति बन जाए तब परिणाम संस्कृति के सिवा कुछ नहीं आता।।

यहां राम और शिव का वैष्णव और शैव का संगम है।।
सनातन शाश्वत मूल्य लेकर गति करता है।
साहित्य के सब रस का संगम हो जाए तो विश्व का मंगल होगा।
ट्रंप यहां आए ना आए ट्रंप के आने से भारत का डंका नहीं बजेगा खुद ट्रंप का ही डंका बजेगा।।
तिर्थराज प्राग में लगे महाकुंभ मेले में बह रही रामकथा धारा के तिसरे दिन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने परिवार के साथ व्यास पीठ पर आए और बिल्कुल सहज और सरल उद्बोधन किया।।
बापू ने राष्ट्रपति के साथ अपने अनुभव बताते हुए बताया कि राष्ट्रपति की सरलता,सहजता बार-बार दिखाई देती है।।जब पूर्व तलगाजरडा में आए थे तो बिल्कुल सहजता से है पूरी व्यवस्था को एक तरफ करके केवल आस्था लेकर आए थे।।और पूरे गांव को राष्ट्रपति भवन आने का निमंत्रण भी दिया था। राष्ट्रपति भवन राष्ट्र का भवन है ऐसा सिद्ध कोविंद जी ने किया था।।बापू ने राष्ट्रपति की सहजता सरलता को सराहा।।
तुलसी जी ने रामचरितमानस के आरंभ में ही संगम की बात की है।वहां वर्ण,अर्थ और रसों का समूह और रस यानी की साहित्य के सब रस का संगम हो जाए तो विश्व का मंगल होगा। पहले मंत्र में संगम दिखता है।। कल हमने जागबलीक और भारद्वाज के संगम की बात की थी,यह संगम से शिवकथा और रामकथा का संगम हुआ और कथा का अमृत निकला है।यहां राम और शिव का वैष्णव और शैव का संगम है। सनातन धर्म की यही विशेषता है सनातन की व्याख्या ब्रह्म वैवर्तय पुराण में एक मंत्र में लिखी है। भारत सनातन पुरुष की विभूति है ऐसा गीता में लिखा है।।स्विकृति हमारी प्रकृति बन जाए तब परिणाम संस्कृति के सिवा कुछ नहीं आता। हम स्वीकार नहीं कर रहे तब संघर्ष शुरू होता है।। गंगा के तट पर वेदों की ऋचा बोली जाती थी और प्रवाह पवित्र बनता था प्रदूषण नहीं रहता था।।
सर्वकाले सत्य प्रोक्ता विद्यमाने तनीति च
सर्वत्र सर्वकालेषु विद्यमाना सनातनी।।
सर्वकाल में जो विद्यमान है।सर्वत्र हर लोक में जो विचारधारा प्रासंगिक है वही सनातन है। यह संगमी व्याख्या है।।
सनातन शाश्वत मूल्य लेकर गति करता है। इसलिए अर्जुन कृष्ण का दिव्य रूप देखकर सभी संबोधनों को एक और रखें भगवान कृष्ण को सनातन पुरुष कहता है।।
कोलकाता के राम कथा के विद्वान अश्विनी जी ने रामायण पर एक किताब में संगम की बात कही।वहां शिव और राम, सती और सीता, पार्वती और सीता की संगमी अवस्था की साधार बात लिखी है वह लिखते हैं:
दोनों जगदीश है।दोनों अंतर्यामी है। दोनों सर्व प्रेरक तत्व है।दोनों व्यापक ब्रह्म है।दोनों निर्गुण है।
द्वारका पीठाधीश शंकराचार्य कहते हैं इंद्रिय खंड को देखती हैं, अखंड को नहीं देखती। नाक को दुर्गंध आती है। आंखे देखती है लेकिन हटा नहीं पाती। पैर को प्रेरणा करती है।।
परम तत्व का अनुभव तब होता है जब वृत्ति अखंड हो जाए।।
दोनों काल भक्ष है। दोनों का नाम कल्पतरु है। दोनों के धाम मोक्ष दाता है। दोनों की चरण रति आवश्यक है। दोनों ही परम उदार है। दोनों के चरित्र अगाध है।। यह शिव और वैष्णव का संगम है।।
और ऐसे ही सती और सीता में संगम:
दोनों जगदंबा,आदि शक्ति, उद्भव आदि का कारण, रिद्धि सिद्धि प्रदाता और पतिव्रता शिरोमणि है।।
हमें पिता माता आत्मा और गुरु को अग्नि समान समझकर आहुति देकर प्रज्वलित ज्योत रखनी चाहिए।।
भारत की एकता अखंडता का परिचय यह है यहां सब आते हैं।कल मुख्यमंत्री योगी जी आए। राजनाथ जी आए।।पूर्व राष्ट्रपति भी आए और गृह मंत्री अमित शाह आ रहे हैं।।शायद 5 तारीख को प्रधानमंत्री जी आ रहे हैं।।वर्तमान राष्ट्रपति मुर्मू जी आ रही हैं और कोशिश हो रही है प्रेसिडेंट ट्रंप भी आए।।
बापू ने कहा कि ट्रंप आए ना आए ट्रंप के आने से भारत का डंका नहीं बजेगा खुद ट्रंप का ही डंका बजेगा।।
गंगा त्रिवेणी किसी का अस्वीकार नहीं करती लेकिन सादर गुणातित श्रद्धा लेकर आना होगा।। गंगाजल के साथ संगम का विचार भी लेकर जाना जो पारिवारिक विघटन को रोक देगा।।
फिर याज्ञवल्क्य ने शिव तत्व और राम तत्व का संगम करते हुए शिव कथा का आरंभ किया। एक त्रेता युग में शिव सती के साथ कुंभज के आश्रम में कथा सुनने जाती है। बुद्धिमान बाप की बेटी सती कथा नहीं सुनती। रास्ते में इस त्रेता युग की राम की ललित नर लीला चल रही है। सती को संशय होता है। राम की परीक्षा करती है। सीता का रूप धारण करती है। सती ने बहुत भूल की कथा नहीं सुनी, संशय किया,विश्वास की बात मानी नहीं,परीक्षा की सीता का रूप लिया,झूठ बोली, संशय जब हृदय तक पहुंचे तब पूरा विनाश करता है। सती को यह देखकर शिव ने मन में प्रतिज्ञा ली। समाधि में बैठे और समाधि हटते ही सती दक्ष यज्ञ में गई और वहां यज्ञ में शिव का भाग न देख कर यज्ञ का विध्वंस किया और कूद कर अपना प्राण त्याग किया।।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read