Homeउद्यमशीलताईडीआईआई ने अपना 43वां स्थापना दिवस मनाया

ईडीआईआई ने अपना 43वां स्थापना दिवस मनाया

20 अप्रैल 2025: एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (ईडीआईआई) ने 20 अप्रैल 2025 को अपना 43वां स्थापना दिवस मनाया। गोवा के माननीय मुख्यमंत्री श्री डॉ. प्रमोद सावंत ने इस अवसर पर वर्चुअली संबोधित किया । इस कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथि शामिल हुए, जिनमें मुख्य अतिथि डॉ. पिरुज़ खंबाटा,चेयरमैन – रसना ग्रुप एवं माननीय काउंसल जनरल, दक्षिण कोरिया (गुजरात); सम्मानित अतिथि श्री सुनील अंचीपाका, आईएएस, सचिव (उद्योग), गोवा; श्री बी. एस. पाई आंगले,मेनेजिंग डायरेक्टर, ईडीसी लिमिटेड, गोवा; श्री दिनेश सिंह रावत, चीफ जनरल मेनेजरएवं जोनल हेड (अहमदाबाद ज़ोन), आईडीबीआई बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (एवं गवर्निंग बोर्ड मेम्बर, ईडीआईआई) तथा डॉ. सुनील शुक्ला, डायरेक्टर जनरल, ईडीआईआई शामिल रहे ।

सरकार, कॉरपोरेट, उद्योग संघों और शैक्षणिक क्षेत्र से भी कई गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल रहे। यह कार्यक्रम का केंद्रबिंदु था कि कैसे उद्यमिता, स्टार्टअप्स और इनोवेशन देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति को प्रभावित कर रहे हैं।

डॉ. प्रमोद सावंत जी ने वर्चुअली संबोधित करते हुए गुजरात के अद्वितीय विकास मॉडल की सराहना की और देश व बाहर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ईडीआईआई की भूमिका की प्रशंसा की। माननीय मुख्यमंत्री श्री ने कहा, “आज भारत, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, एक अग्रणी स्टार्टअप राष्ट्र बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है, और इस दिशा में ईडीआईआई का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। गोवा, ‘विकसित भारत’ और ‘विकसित गुजरात’ की परिकल्पना के अनुरूप एक मजबूत स्टार्टअप-केन्द्रित इकोसिस्टम स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रहा है, ताकि ‘विकसित गोवा’ के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।”

मुख्यमंत्री जी ने ईडीआईआई – गोवा केंद्र द्वारा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों का भी उल्लेख किया (जिसका उद्घाटन 12 मार्च 2024 को हुआ था)। उन्होंने बताया कि यह केंद्र ईडीआईआई द्वारा उस पत्र के आधार पर स्थापित किया गया था, जिसे उन्होंने गुजरात के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल जी को इस आवश्यकता को रेखांकित करते हुए लिखा था।

श्री दिनेश सिंह रावत ने कहा, “ईडीआईआई ने उद्यमिता का उपयोग करके सभी वर्गों के लोगों के उत्थान और उन्नतमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

इस अवसर पर डॉ. पिरुज़ खंबाटा ने कहा, “उद्यमिता ने लंबा सफर तय किया है; इसे सामाजिक-आर्थिक विकास के एक शक्तिशाली साधन के रूप में सराहा जा रहा है। ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना उद्यमिता, कौशल विकास, टेक्नोलोजी, ईनोवेशन और विस्तारित बाजारों जैसे स्तंभों पर आधारित है। मैं ईडीआईआई की सराहना करता हूँ, जिसने इन आधारों पर दशकों पहले ही विकास की कल्पना की थी। उद्यमिता और कौशल विकास की आवश्यकता हमेशा बनी रहेगी, क्योंकि यह देश के सतत विकास का मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे।

मैंईडीआईआई को बहुत बधाई देता हूँ, जिसने विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों के लोगों को उद्यमी बनने के लिए प्रशिक्षित और प्रेरित किया।”

गोवा में उद्यमिता और ईडीआईआई-गोवा केंद्र के योगदान पर बात करते हुए श्री सुनील अंचीपाका, आईएएस, सचिव (उद्योग), गोवा ने कहा, “गोवा अपनी अनोखी संस्कृति, रचनात्मकता और वाणिज्यिक दृष्टिकोण के साथ तेजी से सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक के रूप में उभर रहा है। ईडीआईआई-गोवा केंद्र, ईडीसी लिमिटेड के साथ मिलकर समाज के सभी वर्गों में उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जो संतुलित और समग्र विकास प्राप्त करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।युवा अपनी रचनात्मक सोच के साथ आगे बढ रहे हैं, जिन्हें बहुत ध्यान से इनक्यूबेट कर उद्यमों में बदला जा रहा है। उद्यमिता तेजी से एक पसंदीदा करियर विकल्प बनता जा रही है।”

अपने संबोधन में डॉ. सुनील शुक्ला ने ईडीआईआई की स्थापना को रेखांकित किया और उद्यमिता की संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “ईडीआईआई के 43 वर्षों की उद्यमशीलता भावना को बढ़ावा देने के इस सफर में हमें यह देखकर खुशी होती है कि लोगो की सोच में कैसे बदलाव आया है — अब यह व्यापक रूप से स्वीकार किया जाने लगा है कि उद्यमी केवल जन्म से नहीं होते, बल्कि उन्हें योग्य प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के माध्यम से तैयार भी किया जा सकता है। ईडीआईआई ने हमेशा समावेशी विकास को उद्यमिता के आधार पर बढ़ावा देने का प्रयास किया है, और यह देखना बेहद संतोषजनक है कि यह दृष्टिकोण अब साकार होता दिखाई दे रहा है। आज उद्यमिता को विकास का एक साधन माना जा रहा है, और यह हमारे लिए अत्यंत संतोष का विषय है। हम अपनी इस यात्रा में सरकार और कॉरपोरेट जगत के सहयोग की हृदय से सरहाना करते हैं।”

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