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ईडीआईआई ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के साथ साझेदारी की

भारत, 16 जनवरी 2025: 16 जनवरी 2025 को भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के साथ मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस MoU पर हस्ताक्षर श्री हितेश कुमार एस. मकवाना, आईएएस, सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया, भारतीय सर्वेक्षण विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और डॉ. सुनील शुक्ला, डायरेक्टर जनरल, EDII ने किए।

इस MoU का उद्देश्य दोनों संस्थाओं के रणनीतिक और संयुक्त प्रयासों के माध्यम से देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी-आधारित उद्यमिता का वातावरण निर्माण करना है । इस सहयोग के तहत, संशोधन गतिविधियाँ, विकास कार्यक्रम और क्षमता निर्माण पहलों को व्यापक रूप से लागू किया जाएगा, ताकि छात्रों के बीच कौशल और उद्यमिता की भावना को सशक्त बनाया जा सके और विज्ञान और प्रौद्योगिकी-आधारित उद्यमों का निर्माण सुनिश्चित किया जा सके जैसे कि भू-स्थानिक टेक्नोलोजी जैसे संभावित क्षेत्रों में। विशेष रूप से तैयार किए गए कार्यक्रमों के माध्यम से, सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारियों के कौशल का भी विकास किया जाएगा। यह प्रयास विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित उद्यमों के निर्माण की प्रक्रिया को नई और उभरती तकनीकी क्षेत्रों में गति देगा।

16 जनवरी 2025 को, EDII ने राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस का भी आयोजन किया। कार्यक्रम में उपस्थित युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स को संबोधित करते हुए श्री मकवाना ने कहा, “ सर्वे ऑफ इंडिया सबसे पुराना वैज्ञानिक विभाग है, जो अपनी कार्यप्रणाली के क्षेत्रों को मुख्य रूप से प्रौद्योगिकी को अपनाने, विशेष रूप से ड्रोन और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों के कारण विकसित और विविधीकरण करने में सक्षम रहा है। शहरी योजना, जीविका मानचित्रण, डेटा माइनिंग आदि नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाने के साथ अब प्रणालीबद्ध हो गए हैं। इसलिए, मैं मानवता के विकास में प्रौद्योगिकी और नवाचारों के महत्व को रेखांकित करता हूँ। इनोवेटिव स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, और ये नवाचार विकास की नींव रखते हैं।”

डॉ. सुनील शुक्ला ने इस MoU से उभरने वाले नए विकास की ओर इशारा किया और यह बताया कि ये नवाचारों और प्रौद्योगिकियों की दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे। उन्होंने कहा, “व्यवसाय में प्रौद्योगिकी का उपयोग महत्वपूर्ण है और कई बार यह कायापलट करने वाला साबित हो सकता है। इसलिए, अधिकांश उद्यमी नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने के प्रति सचेत रहते हैं, बिना यह इंतजार किए कि मौजूदा तकनीकें अप्रचलित हो जाएं। प्रौद्योगिकियाँ संगठन की प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता को भी बढ़ाती हैं। सर्वे ऑफ इंडिया के साथ मिलकर काम करना निश्चित रूप से नई प्रौद्योगिकियों और स्टार्टअप्स के उभरने में मदद करेगा, जो कई युवाओ को नए उद्यम निर्माण की दिशा में प्रेरित करेगा।”

 

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