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31 विकासशील देशों से 57 महिला पेशेवरों में विकसित किए गए उद्यमिता कौशल

अहमदाबाद, 14 अगस्त, 2024: भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद ने भारत सरकार के विदेश मामलों के मंत्रालय के आईटीईसी प्रभाग द्वारा प्रायोजित उद्यमिता कौशल विकास प्रोग्राम का आयोजन किया। प्रोग्राम की शुरूआत 1 अगस्त 2024 को हुई और इसका समापन 14 अगस्त 2024 को हुआ। इस आयोजन में 31 विकासशील देशों से 57 महिला पेशेवरों ने हिस्सा लिया। 

गुजरात सरकार में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव, आईएएस श्री राकेश शंकर समापन समारोह के मुख्य अतिथि थे। भारत सकरार में विदेश मामलों के मंत्रालय से ओएसडी (टीसी-1) श्री रोहण सिंह माननीय अतिथि थे। भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान के महानिदेशक डॉ सुनील शुक्ला और प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ बैशाली मित्रा भी इस अवसर पर मौजूद रहे।

प्रोग्राम के तहत प्रतिभागियों को उद्यमिता की क्षमता विकसित करने के लिए नए उपकरणों एवं तरीकों के साथ प्रशिक्षित किया गया। प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य ऐसे उपकरणों एवं तकनीकों के बारे में जानकारी का प्रसार करना था, जिनके द्वारा नए महिला उद्यमियों के विकास को बढ़ावा दिया जा सके; उन्हें कारोबार के अवसरों को पहचानने, विभिन्न कारोबार योजनाओं की तैयारी, लीडरशिप एवं प्रबन्धकीय क्षमता को बढ़ाने की तकनीकों के बारे में जानने; विभिन्न संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराई जानी वाली सुविधाओं को जानने में सक्षम बनाया जा सके। साथ ही नीति निर्माता और नियोजनकर्ताओं को महिला उद्यमितयों के लिए नीतियां बनाने में मदद की जाए।

श्री राकेश शंकर ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘‘कई देशों से महिलाएं एक मंच पर आई हैं, इस मंच के माध्यम से उन्हें अपने अनुभवों और जानकारी को साझा करने और ज्ञान पाने का मौका मिला, जो समाज में प्रेरणादायी बदलाव ला सकते हैं। महिलाओं में अपने आस-पास विकास को प्रेरित करने की अपार क्षमता है और जब वे इस तरह के प्रोग्रामों के माध्यम से सशक्त हो जाती हैं, तब समाज और अर्थव्यवस्था का भी सशक्तीकरण होता है। मैं सभी महिला प्रतिभागियों से आग्रह करता हूं कि अपनी क्षमता का लाभ उठाएं और ऐसा बदलाव लेकर आएं जो वे अपने लिए और दूसरों के लिए देखना चाहती हैं।’’

श्री रोहण सिंह ने कहा, ‘‘महिलाओं को महत्वपूर्ण मुद्दों और ऐसी बाधाओं के बारे में संवेदनशील बनाना ज़रूरी है, जो उनकी उद्यमशीलता में रूकावट बनती हैं। उन्हें प्रशिक्षित और जागरुक बनाने से वे सफल उद्यमी के रूप में विकसित हो सकती हैं और कई तरीकों से महिला उद्यमिता के विकास में मुख्य भूमिका निभा सकती हैं। मुझे विश्वास है कि प्रतिभाशाली युवा महिलाओं का यह समूह इस क्षेत्र में मौजूद खामियों को दूर करने और परिणाम उन्मुख योजनाएं बनाने में सक्षम बनाएगा, और वे तेज़ी से आगे बढ़ सकेंगी।’

डॉ सुनील शुक्ला, महानिदेशक, भारतीय उद्यमिता शिक्षा संस्थान ने कहा, ‘‘उद्यमिता आज भारत के जीवन जीने का तरीका बन चुकी है, खासतौर पर महिलाओं के लिए कई ऐसे प्रोग्राम और नीतियां मौजूद हैं जो उन्हें उद्यमिता की संभावनाओं के बारे में प्रशिक्षित और जागरुक बना रही हैं। सरकार की सक्रिय नीतियां और प्रयास सुनिश्चित करते हैं कि महिलाएं उद्यमी के रूप में आगे बढें और इस बात को समझें कि यह क्षेत्र उनके विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण ज़रिया है।’

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