अहमदाबाद 30 दिसंबर 2024: विश्वभर के गुजराती समुदाय को एक सूत्र में बांधने और गुजराती भाषा, संस्कृति और पहचान को संरक्षित व प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वर्ष 1990 से राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय प्रतिष्ठित संस्था विश्व गुजराती समाज के अध्यक्ष पद के लिए हुए कड़े चुनाव में राजस्थान के कोटा निवासी गोरधनभाई धूलाभाई पटेल (जी. डी. पटेल) की शानदार जीत हुई है। इस चुनाव में उनके प्रतिद्वंद्वी अमेरिका निवासी सी. के. पटेल, जो वर्तमान अध्यक्ष भी हैं, को संगठन के संविधान और चुनाव नियमों के अनुसार अयोग्य घोषित किया गया। चुनाव अधिकारी डॉ. प्रफुल्ल ठाकर और अबरार अली सैयद ने जी. डी. पटेल को निर्विरोध विजयी घोषित किया। इस घोषणा के साथ ही देश-विदेश में बसे सदस्यों और विशेष रूप से जी. डी. पटेल के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
विश्व गुजराती समाज के अध्यक्ष पद और महासमिति के चुनाव की घोषणा इसके संविधान के अनुसार 6 अक्टूबर 2024 को स्थायी समिति की बैठक में की गई। इसके बाद 14 अक्टूबर 2024 को चुनाव अधिकारियों ने विस्तृत कार्यक्रम घोषित किया। इस कार्यक्रम के तहत देश-विदेश में बसे संगठन के सदस्यों से अध्यक्ष पद और महासमिति के लिए प्रस्ताव और नामांकन मांगे गए। इस आह्वान को सभी सदस्यों का भरपूर समर्थन प्राप्त हुआ।
पहले, विश्व गुजराती समाज के कुछ वरिष्ठ और प्रतिष्ठित सदस्यों ने गुजरात के पूर्व मुख्य सचिव श्री पी. के. लहरी से समाज का नेतृत्व संभालने का अनुरोध किया था। इन सदस्यों में जी. डी. पटेल भी शामिल थे। हालांकि, श्री लहरी ने अपनी अन्य व्यस्तताओं के कारण इस प्रस्ताव को विनम्रता से अस्वीकार कर दिया। इसके बाद, उन्होंने स्वयं चुनाव कार्यालय में जाकर जी. डी. पटेल के पक्ष में नामांकन प्रस्तुत किया। उनके साथ पद्मश्री जोरावरसिंह जादव भी जी. डी. पटेल के समर्थन में खड़े हुए। गुजरात और भारत के विभिन्न राज्यों जैसे महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान, केरल के अलावा अमेरिका, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, ओमान आदि देशों से जी. डी. पटेल को व्यापक समर्थन मिला। उनके लिए प्रस्ताव करने वाले गुजराती समाज के वरिष्ठ सदस्यों और संगठनों की सूची काफी लंबी है।
सरल, सादगीपूर्ण और विनम्र स्वभाव वाले जी. डी. पटेल पिछले 30 वर्षों से विश्व गुजराती समाज के साथ जुड़े हैं। वर्तमान में वे उपाध्यक्ष के रूप में सेवा दे रहे हैं। उनका देशभर के गुजराती समाजों के साथ घनिष्ठ संबंध उन्हें दूसरों से अलग बनाता है। उनकी सेवा यात्रा में हजारों बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म, शिक्षण सामग्री और आर्थिक सहायता प्रदान करना, छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए प्रेरित करना, पर्यावरण संरक्षण, रक्तदान शिविर, ज़रूरतमंदों की मदद और प्रतिभाशाली व्यक्तियों को सम्मानित करने जैसे कार्य शामिल हैं।
जी. डी. पटेल का देश-विदेश में बसे विश्व गुजराती समाज के सदस्यों और उनके परिवारों के साथ संपर्क हमेशा जीवंत रहा है। यही कारण है कि सदस्यों ने उन्हें उत्साहपूर्वक और आग्रह के साथ अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी स्वीकार करने और संगठन को नई सेवा और प्रगति की ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए नेतृत्व प्रदान करने का आह्वान किया, जिसे उन्होंने कर्तव्यभाव से स्वीकार किया।
अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद, जी. डी. पटेल ने चार प्रमुख पदों पर नियुक्तियों की घोषणा की जिसमें गुजरात हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील योगेश शशिकांतभाई लखानी वरिष्ठ उपाध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार और कॉलम लेखक सुधीर शांतिलाल रावल महासचिव, गुजरात के पूर्व मुख्य सचिव श्री पी. के. लहरी सलाहकार मंडल अध्यक्ष, और जानेमाने समाजसेवी महेंद्रभाई ए. शाह परामर्श मंडल अध्यक्ष शामिल हैं।
जी. डी. पटेल को विजयी बनाने के लिए पिछले एक महीने से संकल्पबद्ध होकर निरंतर सक्रिय रहे प्रमुख सदस्यों में योगेश लाखानी, सुधीर रावल, मनीष शर्मा, बिपिन सोनी, किरीट शाह, जयप्रकाश वछानी, जीतेंद्र ब्रह्मभट्ट, तुषार गांधी, हिमांशु व्यास, डॉ. योगेश दवे, सवजीभाई वेकरीया और हितेश पटेल सहित कई अन्य सदस्य शामिल हैं।
जी. डी. पटेल के समर्थकों ने समझदारी और संस्था के संविधान के अनुसार चुनाव प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। संस्था की गरिमा के अनुरूप, उनके समर्थकों ने संयमपूर्वक और शालीनता के साथ विभिन्न प्रकार की नकारात्मक कोशिशों का सामना किया, जिसका परिणाम उन्हें निर्विवाद विजय के रूप में प्राप्त हुआ।
जी. डी. पटेल ने अपनी जीत का श्रेय सभी सदस्यों को दिया। अपनी पहली प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि, “यह जीत विश्व गुजराती समाज के प्रत्येक सदस्य और उनके परिवार की जीत है। जैसे ही हम नए वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, हम नए संकल्प, नई आशा और उत्साह के साथ आगे बढ़ेंगे। संगठन के संविधान के उद्देश्यों को साकार करने के लिए हम सब मिलकर काम करेंगे। विश्वभर में बसे गुजराती समाज को एक मंच पर लाकर उनकी क्षमताओं और उपलब्धियों को विश्व के सामने प्रस्तुत करेंगे और गुजराती अस्मिता की महक फैलाएंगे।”
महासमिति के लिए अनुमोदित नामांकनों की संख्या 250 से कम होने के कारण, सभी सदस्यों को निर्विरोध चुना गया।
पूरी चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और संविधान के अनुसार संपन्न हुई। सभी सदस्यों के सहयोग से अगले पांच वर्षों के लिए नए अध्यक्ष और महासमिति का गठन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।