Homeगुजरातगुजरात में होगा दुनिया का सबसे बड़ा होम्योपैथी सम्मेलन

गुजरात में होगा दुनिया का सबसे बड़ा होम्योपैथी सम्मेलन

गांधीनगर, गुजरात 09 अप्रैल 2025: होम्योपैथी के जनक डॉ. सैमुएल हाहनेमैन की जयंती के अवसर पर इस बार विश्व होम्योपैथी दिवस 2025 का आयोजन गुजरात में होने जा रहा है, जो राज्य को दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के एक अहम केंद्र के रूप में पहचान दिलाएगा। यह दो दिवसीय भव्य सम्मेलन 10–11 अप्रैल 2025 को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर कन्वेंशन और एग्जीबिशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा।

इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में हो रहा है और इसे केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (CCRH), नेशनल कमीशन फॉर होम्योपैथी (NCH) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (NIH) मिलकर आयोजित कर रहे हैं।

अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान’- इस बार के सम्मेलन की थीम है, जो होम्योपैथी के विकास के तीन मजबूत स्तंभों को दर्शाता है। इसका उद्घाटन आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री प्रताप राव जाधव द्वारा किया जाएगा। सम्मेलन में भारत सहित दुनिया भर से लगभग 10,000 प्रतिनिधियोंके शामिल होने की उम्मीद है, जिससे यह अब तक का सबसे बड़ा होम्योपैथी सम्मेलन बन जाएगा।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य होम्योपैथी के क्षेत्र में हो रहे नए शोध कार्यों, उनके व्यावहारिक उपयोग और स्वास्थ्य तथा उद्योग में इसके बढ़ते प्रभाव को वैश्विक स्तर पर साझा करना है। इसमें सिर्फ शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ही नहीं, बल्कि नीति-निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों को भी एक साथ लाया जाएगा।

कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण होगा भारत का सबसे बड़ा लाइव मटेरिया मेडिकाप्रतियोगिता, जिसमें छात्र और पेशेवर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। CCRH, NCH और NIH द्वारा अलग-अलग सत्रों का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें गहन विचार-विमर्श होगा।

गुजरात, जो पहले ही जामनगर में स्थित WHO के पारंपरिक चिकित्सा केंद्र के लिए जाना जाता है, अब इस आयोजन के ज़रिए पारंपरिक और पूरक चिकित्सा के तरीकों को और भी मजबूती से प्रस्तुत करेगा।

CCRH के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक ने प्रेस वार्ता में कहा, “हमें गर्व है कि हम विश्व होम्योपैथी दिवस 2025 का आयोजन गांधीनगर के महात्मा मंदिर में कर रहे हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा होम्योपैथी सम्मेलन होगा। इस वर्ष का विषय ‘शिक्षा, अभ्यास और शोध’ होम्योपैथी के तीन महत्वपूर्ण आधारों को उजागर करता है।”

NCH के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. पिनाकिन एन. त्रिवेदी ने बताया, “इस बार शिक्षा क्षेत्र की सबसे बड़ी भागीदारी देखने को मिलेगी, जिससे भविष्य के होम्योपैथी से जुड़े लोगों के लिए आगे बढ़ने के नए रास्ते खुलेंगे। हम इस मंच के ज़रिए छात्रों को NCH द्वारा शुरू किए गए नए पाठ्यक्रमों के बारे में भी जागरूक करेंगे।”

NIH के निदेशक डॉ. प्रलय शर्मा ने कहा कि उनका संस्थान CCRH और NCH के साथ इस आयोजन का हिस्सा बनकर गौरव महसूस कर रहा है। उन्होंने बताया कि NIH से बड़ी संख्या में छात्र इसमें भाग ले रहे हैं, जिनमें से कई तो सत्रों में अध्यक्ष या वक्ता के रूप में भी शामिल हो रहे हैं। उन्होंने देश के सभी होम्योपैथी संस्थानों से छात्रों और शिक्षकों को इस ऐतिहासिक सम्मेलन में बढ़-चढ़ कर भाग लेने की अपील की।

गौरतलब है किविश्व होम्योपैथी दिवसअब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त एक प्रमुख आयोजन बन चुका है। पिछले साल यह कार्यक्रम नई दिल्ली में आयोजित हुआ था, जिसमें भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु की गरिमामयी उपस्थिति रही थी। वर्ष 2023 में यह कार्यक्रम भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में संपन्न हुआ था।

इस बार जब यह आयोजन गांधीनगर में होगा, तो यह शहर होम्योपैथी को एक वैश्विक मंच प्रदान करेगा, जहां इसकी उपलब्धियों को मनाया जाएगा, साझेदारी को मज़बूत किया जाएगा और भविष्य की दिशा तय की जाएगी।

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