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मेटा का नया कदम: इंस्टाग्राम टीन अकाउंट्स के साथ किशोरों के लिए और भी सुरक्षित ऑनलाइन अनुभव!

राष्ट्रीय 11 फरवरी 2025: सुरक्षित इंटरनेट दिवस के अवसर पर, मेटा भारत में चरणबद्ध तरीके सेइंस्टाग्राम टीन अकाउंट्सका विस्तार कर रहा है, जिससे युवा उपयोगकर्ताओं की ऑनलाइन सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके। ये टीन अकाउंट्स खासतौर पर किशोरों के लिए बनाए गए हैं, ताकि उन्हें एकसुरक्षित और उनकी उम्र के उपयुक्त डिजिटल अनुभवमिल सके। इन अकाउंट्स में पहले से मौजूद सुरक्षा सुविधाएं अवांछित बातचीत को सीमित करती हैं, गोपनीयता सेटिंग्स को मजबूत बनाती हैं और माता-पिता को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर बेहतर नियंत्रण रखने में मदद करती हैं, जिससे युवा उपयोगकर्ताओं को एक अधिक सुरक्षित सोशल मीडिया अनुभव मिल सके।

आज के डिजिटल दौर में, जहां इंटरनेट बच्चों की सोच और आदतों को प्रभावित कर रहा है, वहां उनकी ऑनलाइन सुरक्षा बेहद जरूरी हो गई है। माता-पिता, शिक्षक और नीति-निर्माता लंबे समय सेसाइबरबुलिंग, हानिकारक सामग्री और गोपनीयता जोखिमोंको लेकर चिंतित हैं। इंस्टाग्राम का नयाटीन अकाउंट फीचरइन चिंताओं का समाधान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह 16 साल से कम उम्र के सभी किशोरों के लिएसख्त सुरक्षा सेटिंग्सको अपने आप लागू कर देता है, जिससेसंदेश भेजने, बातचीत करने और हानिकारक सामग्री देखनेपर कड़ा नियंत्रण रहता है। साथ ही, यह युवाओं को डिजिटल दुनिया को सुरक्षित तरीके से समझने और उसका उपयोग करने के लिए बेहतर टूल्स भी प्रदान करता है।

भारत मेंटीन अकाउंट्स के विस्तारपर बात करते हुए, इंस्टाग्राम की डायरेक्टर, पब्लिक पॉलिसी इंडिया, नताशा जोगने कहा,”मेटा के लिए एक सुरक्षित और जिम्मेदार डिजिटल वातावरण बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत में इंस्टाग्राम टीन अकाउंट्स के विस्तार के साथ, हम किशोरों की सुरक्षा को और मजबूत कर रहे हैं, कंटेंट नियंत्रण को बढ़ा रहे हैं और माता-पिता को सशक्त बना रहे हैं, ताकि युवा उपयोगकर्ताओं को एक सुरक्षित अनुभव मिल सके।”

Kidsstoppress.com की संस्थापक और सीईओ मानसी ज़वेरी ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा,
“किशोरों की ऑनलाइन सुरक्षा माता-पिता के लिए एक बढ़ती हुई चिंता है, और इंस्टाग्राम के नए टीन अकाउंट्स फीचर्स इस दिशा में एक सही कदम हैं। गोपनीयता सेटिंग्स को मजबूत करना, अवांछित बातचीत को सीमित करना और माता-पिता के लिए निगरानी टूल जोड़ना, ये सभी उपाय युवाओं के लिए एकसुरक्षित डिजिटल माहौलबनाने में मदद करेंगे। किड्सस्टॉपप्रेस पर, हम माता-पिता को सही जानकारी देने और उन्हें अपने बच्चों के साथजिम्मेदार सोशल मीडिया उपयोगपर सार्थक बातचीत करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

प्रमुखविशेषताऐं:

  • प्राइवेट अकाउंट्स: डिफ़ॉल्ट रूप सेटीन अकाउंट्स को प्राइवेट रखा जाता है, जिसका मतलब है कि नए फॉलोअर्स को मंजूरी देनी होगी और जो लोग फॉलोअर नहीं हैं, वे उनके कंटेंट को न तो देख सकेंगे और न ही इंटरैक्ट कर सकेंगे। यह नियम 16 साल से कम उम्र के सभी मौजूदा और नए यूजर्सऔरपर लागू होगा।
  • मैसेजिंग प्रतिबंध: किशोरों के लिएसबसे सख्त मैसेजिंग सेटिंग्सलागू होंगी। वे केवल उन्हीं लोगों से मैसेज प्राप्त कर सकेंगे, जिन्हें वे खुद फॉलो करते हैं या जिनसे पहले से जुड़े हुए हैं।
  • संवेदनशील कंटेंट पर नियंत्रण: किशोरों के अकाउंट कोसबसे अधिक सुरक्षित सेटिंगमें रखा जाएगा, जिससे उन्हेंसंवेदनशील सामग्रीजैसे लड़ाई-झगड़े के दृश्य या कॉस्मेटिक सर्जरी से जुड़े प्रचार देखने की संभावना कम होगी। यह Explore और Reels जैसी जगहों पर लागू होगा।
  • सीमित बातचीत: किशोरसिर्फ उन्हीं लोगों द्वारा टैग या मेंशन किए जा सकेंगे, जिन्हें वे फॉलो करते हैं।इसके अलावा, एंटी-बुलिंग फीचर ‘हिडन वर्ड्स’ का सबसे सख्त वर्जनडिफ़ॉल्ट रूप से ऑन रहेगा, जो कमेंट्स और डीएम रिक्वेस्ट में आपत्तिजनक भाषा को फ़िल्टर कर देगा।
  • टाइम लिमिट रिमाइंडर: अगर कोई किशोररोज़ 60 मिनट तक ऐप का इस्तेमाल कर लेता है, तो उसेऐप से बाहर निकलने के लिए एक रिमाइंडरमिलेगा।
  • स्लीप मोड: रात 10 बजे से सुबह 7 बजे तक ‘स्लीप मोड’ ऑन रहेगा, जिससेनोटिफिकेशन म्यूट हो जाएंगेऔर डीएम (मैसेज) कास्वचालित उत्तरभेजा जाएगा।

टीन अकाउंट्स मेंमाता-पिता के लिए विशेष निगरानी टूल्सदिए गए हैं, जिससे वेअपने किशोर बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं और उसे नियंत्रित कर सकते हैं। इसमेंसुरक्षा सेटिंग्स में बदलाव को मंजूरी देना और रोज़ाना स्क्रीन-टाइम सीमा तय करनाशामिल है।16 साल से कम उम्र के किशोरोंके लिए, यदि वे सेटिंग्स को कम सख्त बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए माता-पिता की मंजूरी जरूरी होगी।माता-पिता16 साल से अधिक उम्र के किशोरोंके लिए भी कभी भी निगरानी टूल चालू कर सकते हैं, जिससे वेसुरक्षा सेटिंग्स में बदलावों की समीक्षा और स्वीकृतिदे सकें। जल्द ही, माता-पिता को ये सेटिंग्ससीधे एडजस्ट करने की सुविधा भी मिलेगी, जिससे किशोरों के लिए सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया जा सकेगा।

टीन अकाउंट्स पहले से हीऑटोमेटिक सुरक्षा उपायोंके साथ आते हैं, लेकिन जो माता-पिताअधिक नियंत्रण चाहते हैं,वे अबनई निगरानी सुविधाओंका उपयोग कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • हाल की बातचीत की निगरानी: माता-पिता यह देख सकते हैं किपिछले सात दिनों में उनके बच्चे ने किन लोगों को मैसेज किया है (हालांकि वे मैसेज की सामग्री नहीं पढ़ सकते)।
  • दैनिक समय सीमा निर्धारित करना: माता-पिताइंस्टाग्राम के इस्तेमाल का एक समय तय कर सकते हैं। जैसे ही यह सीमा पूरी होगी, किशोरइंस्टाग्राम का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
  • खास समय पर इंस्टाग्राम ब्लॉक करना: माता-पिता एकसरल टॉगल बटनके जरिएरात में या किसी तय समय परइंस्टाग्राम कीएक्सेस को बंद कर सकते हैं।

RATI फाउंडेशन की कोफाउंडर और डायरेक्टरउमा सुब्रमण्यनने कहा,”इंस्टाग्राम के टीन अकाउंट्स में किए गए ये नए अपडेट सुरक्षा की एक और परत जोड़ते हैं और मेटा प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। किशोरों की स्वतंत्रता और ऑनलाइन सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना आज भी एक चुनौती है, और यह पहल उसी दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास है। यदि इसे प्रभावी तरीके से लागू किया जाए, तो ये बदलाव किशोरों की ऑनलाइन सुरक्षा को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।”

किशोरों को सही सुरक्षा मिले और वेआयु प्रतिबंधों को नजरअंदाज न कर सकें, इसके लिएइंस्टाग्राम अपनी उम्र सत्यापन (एज वेरिफिकेशन) प्रक्रिया को और मजबूत कर रहा है। क्योंकि कुछ युवाअपनी सही उम्र छिपा सकते हैं, इसलिएकुछ मामलों में अतिरिक्त सत्यापन (वेरिफिकेशन) की जरूरत होगी। उदाहरण के लिए, अगर कोईवयस्क जन्मतिथि के साथ नया अकाउंट बनाना चाहता है, तो उसेअतिरिक्त जाँच से गुजरना होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा किसभी किशोर सही सुरक्षा सेटिंग्स के अंतर्गत रहें।

उम्र की पुष्टि (एज वेरिफिकेशन) के साथ-साथइंस्टाग्राम यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि किशोरों को केवल उनकी उम्र के अनुसार उपयुक्त सामग्री ही दिखाई दे।मेटा उन सभी पोस्ट्स पर कार्रवाई करेगा जो कम्‍युनिटी गाइडलाइंस (सामुदायिक दिशानिर्देशों)का उल्लंघन करती हैं।सेंसेटिव कंटेंट कंट्रोल (संवेदनशील सामग्री नियंत्रण) को डिफ़ॉल्ट रूप से सबसे सख्त स्तर पर सेट किया जाएगा।इसका मतलब है कि किशोरों कोसंभावित रूप से हानिकारक सामग्रीजैसे कियौन संकेतों वाली पोस्ट या आत्म-नुकसान से जुड़ी चर्चासेदूर रखा जाएगा।यहाँ तक कि अगर कोई ऐसा कंटेंट किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा साझा किया गया हो जिसे वे पहले से फॉलो कर रहे हों, तो भी इसे अपने आप छिपा दिया जाएगा।

 

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