श्रीनगर 20 अप्रैल 2025: कश्मीर घाटी के लिए एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक उपलब्धि के रूप में, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को डल झील के तट पर प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु एवं राम कथा के मर्मज्ञ पुज्य मोरारी बापू की नौ दिवसीय राम कथा विधिवत शुभारंभ किया।
कई दशकों के अंतराल के बाद कश्मीर घाटी में यह पहली राम कथा आयोजित हुई है, जो इसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती है। उद्घाटन समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और विभिन्न क्षेत्रों के नागरिक उपस्थित थे।
अपने संबोधन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राम कथा की सार्वभौमिक भावना को रेखांकित करते हुए इसे एक आध्यात्मिक परंपरा बताया जो संस्कृति और संप्रदायों की सीमाओं से परे जाकर मानवता को जोड़ती है।
उन्होंने कहा,“राम कथा ने सदियों से समाज को नैतिकता, करुणा, न्याय और कर्तव्य का मार्ग दिखाया है। प्रभु श्रीराम का जीवन आज भी पूरी मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
मोरारी बापू के जीवन कार्य का उल्लेख करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि पूज्य बापू ने सत्य, प्रेम और करुणा के मूल संदेश के साथ राम कथा के माध्यम से पूरे विश्व में जनचेतना का जागरण किया है।
उन्होंने आगे कहा, “मोरारी बापू की राम कथाएं न केवल ज्ञान का स्रोत हैं, बल्कि एकता और मानवता के सेतु के रूप में भी कार्य करती हैं। उनके प्रवचन समाज में नैतिक जीवन, न्याय और करुणा की भावना को प्रोत्साहित करते हैं।”
पुज्य मोरारी बापू पिछले छह दशकों से भी अधिक समय से भारत और विश्वभर में राम कथा कर रहे हैं। श्रीनगर की यह कथा उनकी 955वीं राम कथा है और यह ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श को आगे बढ़ाती है।
इस ऐतिहासिक आयोजन को साकार करने में भारतीय लोक कल्याण ट्रस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ट्रस्ट के संरक्षक अरुण कुमार सराफ और कौशलेश नंदन प्रसाद सिन्हा के मार्गदर्शन में यह आयोजन संभव हो पाया है। उपराज्यपाल ने आयोजन समिति को इस पुण्य कार्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
श्रीनगर में यह राम कथा नौ दिनों तक चलेगी और प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर आधारित एक दिव्य और आध्यात्मिक वातावरण का सृजन करेगी।