Homeगुजरातमोरारी बापू ने यूक्रेन और रूस के बीच शांति स्थापित करने के...

मोरारी बापू ने यूक्रेन और रूस के बीच शांति स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की सराहना की

योग्यकर्ता, इंडोनेशिया 24 अगस्त 2024: प्रसिद्ध आध्यात्मिक संत और रामचरितमानस के व्याख्याता मोरारी बापू ने यूक्रेन-रूस संघर्ष को समाप्त करने और शांति स्थापित करने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की है। 
इंडोनेशिया के योग्यकर्ता में चल रही अपनी रामकथा के दौरान  मोरारी बापू ने युद्ध, आतंक और अमानवीयता की वैश्विक चुनौतियों पर बात की। उन्होंने यूक्रेन-रूस संघर्ष के कारण हुई पीड़ा पर गहरी चिंता व्यक्त की और शांति को बढ़ावा देने के लिए भारत के हालिया प्रयासों की सराहना की। 
मोरारी बापू ने कहा कि, “कल मुझे खबर मिली कि हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री ने यूक्रेन की संक्षिप्त यात्रा की और यूक्रेनी राष्ट्रपति से मुलाकात की। भारत ने हमेशा दूसरों के साथ मैत्रीपूर्ण और शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं तथा चल रहे संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत की लगातार हिमायत की है। हमारे प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि भारत शांति स्थापित करने में हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है और मुझे विश्वास है कि, उनके प्रयासों के अवश्य ही सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।” 
भगवान राम और रामचरितमानस की शिक्षाओं के प्रसार के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले मोरारी बापू ने वैश्विक सद्भाव की प्रार्थना के साथ अपने संबोधन का समापन किया। उन्होंने कहा कि, “मैं हनुमान जी के चरणों में प्रार्थना करता हूं और आशा करता हूं कि, शांति के लिए ये प्रयास जरूर सफल होंगे। भगवान का आशीर्वाद सभी पर बना रहे।” 
आदरणीय आध्यात्मिक गुरु ने जून में विश्व के लीडर्स से संघर्षों और युद्धों को समाप्त करके वैश्विक शांति के लिए मिलकर काम करने की अपील की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि, यदि उन्हें मौका मिला तो वे शांति और एकता को बढ़ावा देने के लिए यूक्रेन-रूस सीमा पर रामकथा का आयोजन करेंगे। 
यूक्रेन की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक स्मारक का दौरा किया और हाल में चल रहे संघर्ष में दुखद रूप से अपनी जान गंवाने वाले मासूम बच्चों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पिछले महीने मास्को की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि, “शांति सर्वाधिक महत्वपूर्ण है” और किसी भी संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं निकाला जा सकता।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read