- पीएम विश्वकर्मा, पीएम पोषण औप पीएमश्री विद्यालयों के साथ ही कौशल विकास पर विशेष रूप से चर्चा हुई
- मेघालय में उद्यमिता के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की सलाह
नई दिल्ली, 24 जून, 2024: नई दिल्ली के कौशल भवन में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने आज मेघालय के मुख्यमंत्री श्री कॉनराड संगमा के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात में कौशल विकास की अनेक योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना सहित उद्यमशीलता पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई। मेघालय में शिक्षा व्यवस्था बेहतर करने के लिए पीएम पोषण और पीएमश्री विद्यालयों पर भी विचार विमर्श हुआ ।
इसके साथ ही मेघालय के युवाओं के लिए उनके प्रोफाइल के अनुरूप उपयुक्त कौशल पाठ्यक्रम, अप्रेन्टिसशिप के अवसर और घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय रोज़गार के अवसरों को खोजने में मदद करने के लिए स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफार्म पर भी चर्चा हुई। माननीय मंत्री श्री जयन्त चौधरी ने मेघालय सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय भाषा प्रमाणन के लिए अंग्रेजी, जर्मन और जापानी भाषाओं में कौशल प्रशिक्षण शुरू करने के लिए साथ मिलकर काम करने की भी प्रतिबद्धता दिखाई।
माननीय मंत्री श्री चौधरी ने मेघालय राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रासंगिक माइक्रो-ऑन्तरप्रेन्योरशिप के लिए बिजनेस मॉडल विकसित करने के लिए मेघालय सरकार के साथ काम करने पर जोर दिया। माननीय केंद्रीय मंत्री ने सलाह दी कि मेघालय में उद्यमिता के क्षेत्र में अपनी कुछ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जाए जिनका कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय देश भर में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अनुसरण कर सकता है।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त
चौधरी ने कहा, “मेघालय के युवाओं में बहुत अधिक क्षमता और प्रतिभा है और हमारा लक्ष्य है कि हमारे युवा कुशल बनें और देश के विकास में बढ़-चढ़ कर अपना योगदान दें। हम भारत को कुशल एवं प्रतिभाशाली युवाओं के सबसे विश्वसनीय स्रोत के रूप में स्थापित करने में बहुत तेजी से प्रयासरत है”।
“मेघालय जनसांख्यिकीय लाभांश के चरम पर है, यहां की 72% से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। यह युवा आबादी 2028 तक 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के राज्य के दृष्टिकोण का एक अभिन्न अंग है। नवीनतम अनुमान के अनुसार, बंद करें हर साल 70,000 मेघालयवासी कार्यबल में शामिल होते हैं। क्वालिटी रोजगार हासिल करने की उनकी संभावनाओं को बढ़ाने के लिए, हम अगले 3 वर्षों में “कौशल मेघालय” पहल के तहत 1.2 लाख युवाओं को विपणन योग्य कौशल में प्रशिक्षित करने की इच्छा रखते हैं”, माननीय मुख्यमंत्री श्री कॉनराड संगमा जी ने कहा।
उल्लेखनीय है कि कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय का लक्ष्य देश की प्रमुख कौशल विकास योजनाओं को मूर्त रूप देने की दिशा में मेघालय जैसे राज्यों को तेजी से आगे बढ़ाना है। पीएमकेवीवाई के तहत 2024 तक मेघालय में, लगभग 50,000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है। मेघालय में कुल 8 आईटीआई हैं जिसमें 7 सरकारी और 1 प्राइवेट आईटीआई है। इन आईटीआई की कुल सीटिंग कैपेसिटी 1,700 है और पिछले दस वर्षों में 900 सीटें जोड़ी गई हैं। अभी मेघालय में पीएम विश्वकर्मा जैसी योजना को क्रियान्वित किये जाने के लिए कार्य चल रहा है।