नई दिल्ली, 11 जून 2024: माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री जयन्त चौधरी ने आज कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) में आधिकारिक रूप से कार्यभार संभाला। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने माननीय मंत्री का स्वागत किया और अपनी शुभकामनाएँ दीं। यह कौशल विकास और उद्यमिता के परिदृश्य को आगे बढ़ाने में एक नए अध्याय की शुरुआत है। कौशल भवन, नई दिल्ली में आयोजित यह अवसर भारत सरकार के 100 दिवसीय एजेंडे में उल्लिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक ठोस प्रयास का प्रतीक है।
इस अवसर पर बोलते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने कहा कि, “भारत में एक विशाल और युवा आबादी है जिसे अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग के अवसरों के साथ सशक्त बनाने की आवश्यकता है। यह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के विज़न से पूरी तरह मेल खाता है, जहां प्रत्येक नागरिक को हमारे देश की समृद्धि में योगदान करने और आगे बढ़ने का अवसर मिले। जीवन के सभी क्षेत्रों में नए और उद्योग-सम्बन्धित कौशल की निरंतर आवश्यकता है, और मुझे विश्वास है कि मंत्रालय के सतत प्रयास कौशल और रोजगार परिदृश्य पर ठोस प्रभाव डालेंगे।”
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय स्किल गैप को पाटने वाली रणनीतिक पहलों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम (एनएपीएस) जैसी प्रमुख योजनाएँ शामिल हैं, जिनका निरंतर ध्यान रोजगार क्षमता बढ़ाने और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर है। ये कार्यक्रम रोजगार क्षमता बढ़ाने और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए तैयार किए गए हैं, ताकि व्यक्तियों को तेजी से विकसित हो रहे जॉब मार्केट में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से सुसज्जित किया जा सके।
देश भर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अत्याधुनिक सुविधाओं और उद्योग-संबंधित पाठ्यक्रम से सुसज्जित हों। इस प्रयास का उद्देश्य एक कुशल कार्यबल तैयार करना है जो आधुनिक उद्योगों की मांगों को पूरा कर सके। इसके अलावा, मंत्रालय कौशल विकास कार्यक्रमों को वैश्विक मानकों के साथ जोड़कर अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता को प्राथमिकता देना जारी रखेगा। इससे भारतीय प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे। इसमें स्किल्ड वर्कर के लिए विदेश में करियर बनाने के लिए मार्ग बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योगों के साथ साझेदारी शामिल है। सिद्ध (स्किल इंडिया डिजिटल हब) जैसे प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से डिजिटल तकनीकों को अपनाकर, बुनियादी ढाँचे को बढ़ाकर और समावेशी कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा देकर, मंत्रालय का उद्देश्य व्यक्तियों को सशक्त बनाना और उच्च प्रभाव वाली पहलों को तेज़ी से लागू करना है। ये प्रयास कौशल विकास और उद्यमिता क्षेत्रों में तत्काल और ठोस प्रगति के लिए हमारे समर्पण को प्रदर्शित करते हैं, जो अंततः एक अधिक कुशल और सशक्त भारत में योगदान करते हैं।
श्री जयंत चौधरी ऐसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं, जो वंचितों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करते हैं, ताकि सभी सेक्टरों और पूरे देश में निरंतर वृद्धि और विकास सुनिश्चित हो सके।
माननीय मंत्री का विस्तृत अनुभव लोगों के कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को पूरा करने में विशेष सहायक होगा। वे स्टैंडिंग कमेटी ऑन कॉमर्स, द कंसल्टेटिव कमेटी ऑन फाइनेंस, द इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (आईसीएआर) तथा द कमेटी ऑन गवर्नमेंट एश्योरेंस के सदस्य रह चुके हैं। इससे पहले वे स्टैंडिंग कमेटी ऑन एग्रीकल्चर एंड फाइनेंस के साथ-साथ कमेटी ऑन एथिक्स में भी कार्य कर चुके हैं।