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“हम युवा प्रतिभाओं के लिए लाइफलॉन्ग लर्निंग को एक मूलभूत आवश्यकता बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं” – श्री जयन्त चौधरी

माननीय मंत्री ने स्किलिंग ईकोसिस्टम से जुड़े 50 युवा प्रोफेशनल और प्रशिक्षकों के साथ “कौशल संवाद” – (विश्व युवा कौशल दिवस 2024 के उपलक्ष्य में मंत्री और उम्मीदवारों के बीच एक खुला संवाद), पर बातचीत की

नई दिल्ली, 15 जुलाई, 2024:आज नई दिल्ली के कौशल भवन में विभिन्न स्किल इंडिया योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से अपने कौशल को निखारने वाले अनेक प्रतिभाशाली युवा प्रोफेशनल जब संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त “विश्व युवा कौशल दिवस” को मनाने एक साथ आए तो यह कौशल भवन उत्साह और उमंग से भर गया।इस विशेष दिवस और स्किल इंडिया मिशन के 10वें वर्ष के समारोह की शुरुआत के अवसर पर, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने एक “कौशल संवाद” का आयोजन किया। यह एक खुला संवाद और एक ऐसा मंच था जो इस गतिशील विचारों के आदान-प्रदान का मंच बन गया, जहां इन उभरते सितारों को एमएसडीई के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री जयन्त चौधरी के साथ बातचीत करने का अवसर मिला।

इनकी कहानियाँ सिर्फ़ कहानियाँ नहीं थीं; वे बदलाव के ज्वलंत उदाहरण थे, जैसेकि एक खाली कैनवास रंगों के स्पेक्ट्रम के साथ जीवंत हो रहा हो। हर एक ने बताया कि कैसे कौशल विकास ने न केवल उनके भविष्य को नया आकार दिया है, बल्कि उनके भीतर जुनून और प्रेरणा को भी पैदा किया है।

उनके गुरुओं, कौशल प्रशिक्षकों जिन्होंने उन्हें अटूट प्रतिबद्धता के साथ उनका मार्गदर्शन किया,की उपस्थितिने इस अवसर को और भी सफल बना दिया। उनकी सामूहिक ऊर्जा और उत्साह ने स्किल इंडिया मिशन का गहरा प्रभाव दिखाया और संभावनाओं से भरे भविष्य की एक झलक पेश की।

माननीय मंत्री के लिए विभिन्न योजनाओं के युवा प्रोफेशनल्स के साथ बातचीत करना वास्तव में प्रेरणादायक और दिल को छूने वाला था। इसमें पीएमकेवीवाई (प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना), पीएम विश्वकर्मा, एनएपीएस (राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) जैसी योजनाओं के लाभार्थी/उम्मीदवार शामिल थे, जबकि कुछ निस्बड (राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान) के सफल उद्यमियों, संकल्प (आजीविका संवर्धन के लिए कौशल अधिग्रहण और ज्ञान जागरूकता) के लाभार्थियों और आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) के छात्रों और अन्य का प्रतिनिधित्व करते थे। उम्मीदवारों ने अपने सीखने के अनुभव साझा किए और व्यापक रोजगार के अवसरों और उद्यमिता के लिए खुद को कौशल से लैस करने के महत्व पर प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम में एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, एमएसडीई के सीनियर इकोनोमिक एडवाइजर श्री नीलांबुज शरण, एमएसडीई की डीजी ट्रेनिंग सुश्री त्रिशालजीत सेठी, एमएसडीई की संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार सुश्री मधुमिता दास, एमएसडीई की संयुक्त सचिव सुश्री सोनल मिश्रा, एमएसडीई की संयुक्त सचिव सुश्री हेना उस्मान और एनएसडीसी के सीईओ और एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्री वेद मणि तिवारी सहित कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इसके अलावा, इस कार्यक्रम में उपस्थित उम्मीदवारों को किसान ड्रोन ऑपरेटर, हेयरड्रेसर, गोल्डस्मिथ, जर्मन भाषा प्रशिक्षक, जापानी भाषा प्रशिक्षक, सोलर पीवी इंस्टॉलर, एयरलाइन कस्टमर केयर रिप्रिजेन्टेटिव, एचवीएसी टेक्नीशियन और ट्रैवल हॉस्पिटैलिटी स्पेशलिस्ट सहित विभिन्न पारंपरिक और नए जमाने के जॉब रोल में प्रशिक्षित किया गया। कारपेन्टरी और ऑटोमोबाइल जैसे पारंपरिक रूप से पुरुष प्रधान जॉब रोल्स में महिलाओं की भागीदारी मंत्रालय के समावेशी और विविध कार्यबल को बढ़ावा देने के सतत प्रयासों का प्रमाण है। चेन्नई, श्रीनगर, गुवाहाटी, लद्दाख और कश्मीर के उम्मीदवार भी अपनी कहानियाँ सभी के साथ साझा करने के लिए वर्चुअल रूप से शामिल हुए।

इस अवसर पर बोलते हुए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने कहा, “मैं स्किल इंडिया मिशन को इसकी दसवीं वर्षगांठ की शुरुआत पर बधाई देता हूं और भारत में कौशल, शिक्षा और उद्यमिता के ईकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए इसके चल रहे प्रयासों की सराहना करता हूं। शांति स्थापना और सतत विकास में युवा कौशल की भूमिका महत्वपूर्ण है, जो उद्योगों में कुशल प्रोफेशनल की मांग को पूरा करता है और वैश्विक मंच पर मुद्दों से निपटता है।इसके अलावा, मंत्रालय युवा प्रतिभाओं के लिए लाइफलॉन्ग लर्निंग को एक मूलभूत आवश्यकता बनाने की दिशा में काम कर रहा है और स्कूल के स्तर से ही व्यक्तियों को विविध स्किल सेट से परिचित कराना नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुझे विश्वास है कि यह कौशल संवाद इनोवेशन, फोकस्ड ट्रेनिंग, रोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देगा, युवा प्रतिभाओं को अपने चुने हुए क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा।”

एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा, “मंत्रालय युवाओं को कौशल विकास से जोड़ने के लिए समर्पित है और उन्हें कौशल और शिक्षा दोनों से लैस करना आत्मनिर्भर भारत के विज़न को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।आज, हमने पीएमकेवीवाई के तहत 1.40 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया है, यह सुनिश्चित किया है कि 33 लाख से अधिक उम्मीदवारों को अपरेन्टिस के रूप में इन्गेज किया गया है, उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कई कौशल संस्थानों को अपग्रेड किया गया है और रोजगार क्षमता बढ़ाने और वैश्विक बाजारों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए प्रतिष्ठित मंत्रालयों और उद्योग भागीदारों के साथ भागीदारी की है। कौशल संवाद जैसे संवाद बेहतरीन अनुभवों को एक साथ लाते हैं, नए विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं और स्किलिंग ईकोसिस्टम से जुड़े व्यक्तियों को राष्ट्र निर्माण की पहल का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करते हैं।उनके अनुभवों को सुनना और यह देखना कि कौशल विकास ने किस तरह उनके जीवन को बदल दिया है, ऐसा था जैसे एक खाली कैनवास को जीवंत रंगों से जीवंत होते देखना। जीवन के प्रति उनका उत्साह और अपने सपनों को पूरा करने का उनका जुनून स्किल इंडिया मिशन के अविश्वसनीय प्रभाव को दर्शाता है।”

एमएसडीई के माननीय मंत्री ने कौशल भवन परिसर में वृक्षारोपण भी किया, जो विकास और प्रतिभा के पोषण का प्रतीक है। यह कौशल विकास को बढ़ावा देने और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए स्किल इंडिया मिशन की  प्रतिबद्धता के लिए एक उदाहरण है।

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कौशल विकास के महत्व और भारत के भविष्य को आकार देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हैं। इस विज़न को आगे बढ़ाते हुए, एमएसडीई ने युवा भारत के बीच रोजगार क्षमता बढ़ाने और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक समग्र स्किलिंग ईकोसिस्टम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।पिछले नौ वर्षों में, एमएसडीई ने अपनी पहुंच और प्रभावशीलता का काफी विस्तार किया है। प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को पुनर्जीवित किया है, पिछले 10 वर्षों में उनकी संख्या में 5000 की वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआई) बढ़े हैं, जिनमें 19 विशेष रूप से महिलाओं के लिए हैं। उल्लेखनीय सुधारों में राज्य कौशल विकास और उद्यमिता समितियों के माध्यम से कौशल विकास का विकेंद्रीकरण और पारंपरिक परीक्षाओं से कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट में बदलाव शामिल है, जिससे रिजल्ट प्रोसेसिंग का समय कम हो जाता है।

साझेदारी वाले प्रयासों से कई एमओयू प्राप्त हुए हैं, जिससे प्रशिक्षण और प्रमाणन में वृद्धि हुई है। नए युग के पाठ्यक्रमों और इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने के साथ-साथ ये पहल भारत भर में कौशल विकास के लिए एमएसडीई की निरंतर प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं।

इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए, मंत्रालय अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसे एडवांस विकल्पों के साथ अपनी साझेदारी का विस्तार करने की दिशा में भी काम कर रहा है। यह दूरदर्शी दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि भारत के युवा तेजी से विकसित हो रहे जॉ़ब मार्केट की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार हैं। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय छात्रों, शिक्षकों और इम्प्लॉयर सहित सभी स्टेकहोल्डरों को युवाओं को सशक्त बनाने और एक कुशल भारत के निर्माण में हाथ मिलाने के लिए आमंत्रित करता है।

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