मुंबई, 21 नवंबर, 2024: भारत की अग्रणी ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स ने आज अपनी 10वीं वार्षिक कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कंपनी के महत्वपूर्ण सामुदायिक कार्यों के सकारात्मक बदलाव लाने वाले प्रभावों की जानकारी दी गई है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि कंपनी के कल्याणकारी कार्यों से 10 लाख से अधिक लोगों के जीवन पर स्थायी और सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। “बिल्डिंग टुगेदर ए मिलियन ड्रीम्स “ शीर्षक वाली यह प्रमुख रिपोर्ट इस दशक की कंपनी की यात्रा के दौरान साझेदारी द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को समर्पित है। कंपनी के कल्याणकारी कामों के 40 फीसदी से ज्यादा लाभार्थी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों से संबंधित हैं। टाटा मोटर्स ने अपने सीएसआर कार्यों का दायरा अपने आसपास ही सीमित नहीं रखा है बल्कि इनका काफी विस्तार किया गया है। कंपनी की सीएसआर पहल का विस्तार 26 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 94 जिलों तक है।
10वीं वार्षिक सीएसआर रिपोर्ट के लॉन्च पर के अवसर पर, टाटा मोटर्स में सीएसआर के प्रमुख विनोद कुलकर्णी ने कहा, “हमें अपने प्रतिबद्ध सीएसआर पहलों के माध्यम से दस लाख से अधिक लोगों के जीवन को बदलने में जो प्रगति हुई है, उस पर बेहद गर्व है। हमारी खास ‘मोर फ़ॉर लेस फॉर मोर’ रणनीति ने हमें अपना कौशल बढ़ाने, टेक्नोलॉजी को अपनाने, संसाधनों का अनुकूल ढंग से उपयोग करने और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने, हमारी पहुंच को व्यापक बनाने और देश भर में हमारे प्रभाव को गहरा करने में सक्षम बनाया है। यह सफलता हमारे भागीदारों के अटूट समर्थन और हमारी सेवा प्राप्त करने वाले समुदायों के भरोसे का प्रमाण है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, हम महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने और शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण में सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए समर्पित हैं।”
पूरे वर्ष के दौरान, टाटा मोटर्स ने स्वास्थ्य (आरोग्य), शिक्षा (विद्याधनम), रोजगार (कौशल्य) और पर्यावरण (वसुंधरा) पर आधारित सामाजिक कार्यों को लागू करने के लिए सरकारी, गैर-सरकारी और निजी क्षेत्रों के प्रयासों को एकजुट करने पर जोर दिया है। इसमें जल संरक्षण और इंटीग्रेटेड विलेज डेवलपमेंट पर विशेष जोर दिया गया है।
वित्त वर्ष 24 की टाटा मोटर्स की सीएसआर रिपोर्ट की मुख्य बातें
जल सुरक्षा को बढ़ावा देना
नाम फाउंडेशन, एमजीएनआरईजीए विभाग और महाराष्ट्र सरकार के साथ साझेदारी के ज़रिए, टाटा मोटर्स ने भारत सरकार के अमृत सरोवर मिशन के तहत महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में 106 बॉटर बॉडीज का कायाकल्प और विकास किया है। इस पहल ने अब तक पालघर, पुणे और सतारा जिलों में 1,860 मिलियन लीटर पानी की क्षमता विकसित की है, जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ी है, भूजल स्तर बढ़ा है, पीने योग्य पानी की उपलब्धता बढ़ी है और साल भर सिंचाई सुनिश्चित हुई है।
एकीकृत सामुदायिक विकास के माध्यम से ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देना
टाटा मोटर्स स्थानीय शासन को मजबूत करने पर विशेष ध्यान देने के साथ ग्रामीण समुदायों के साथ जुड़ने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाता है। महाराष्ट्र के पालघर जिले के जवाहर के आदिवासी ब्लॉक में शुरू हुआ इंटीग्रेटेड विलेज डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईवीडीपी) को अब पुणे, साणंद, जमशेदपुर और लखनऊ जैसे दूसरे स्थानों के आसपास रहने वाले वंचित लोगों के लिए भी लागू किया जा रहा है।
जवाहर में पांच ग्राम पंचायतों तक अपनी भागीदारी बढ़ाते हुए, आईवीडीपी ने पलायन स्तर को 45 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया है, औसत घरेलू आय में 60 प्रतिशत की वृद्धि की है, और इस आदिवासी क्षेत्र में साल भर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की है। टाटा मोटर्स ने अहमदाबाद जिले के नवापारा के बंजर गांव का कायाकल्प कर दिया है, जहां वंचित आदिवासी समुदाय रहता है। पीने योग्य पानी की साल भर पहुंच के साथ, 230 में से 190 परिवारों ने आय के मुख्य स्रोत के रूप में मछली पालन को अपनाया है। यहां से रोजी-रोटी के लिए होने वाला लोगों का पलायन 40 प्रतिशत कम हुआ है और स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की दर में 10 प्रतिशत की कमी आई है।
हरियाली से भरपूर और पर्यावरण के अनुकूल वातावरण का निर्माण
महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत महाराष्ट्र सरकार और बीएआइएफ इंस्टीट्यूट के सहयोग से, टाटा मोटर्स ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में 1.7 मिलियन पौधे लगाए हैं, जिससे 13,000 किसानों को लाभ हुआ है और 13,000 एकड़ अप्रयुक्त कृषि भूमि को उत्पादक उपयोग में लाया गया है।
टाटा मोटर्स की शहरी वानिकी पहल ने टेरी (TERRE) पॉलिसी सेंटर के साथ साझेदारी में पुणे और उसके आसपास 200 हेक्टेयर के कुल क्षेत्र में 125,000 पेड़ लगाए हैं। ये शहरी वन सालाना 300,000 किलोग्राम कार्बन अवशोषित करते हैं, जैव विविधता की रक्षा करते हैं और वायु गुणवत्ता में सुधार करते हैं।
बेहतर शैक्षिक सहायता के जरिए छात्रों को सशक्त बनाना
कंपनी का इंजीनियरिंग नीट एडमिशन ब्रिज एक्सेलेरेटेड लर्निंग एंगेजमेंट (इनेबल) कार्यक्रम, नवोदय विद्यालय समिति, अवंती फेलो और पूर्व नवोदय फाउंडेशन के सहयोग से, जेईई और नीट परीक्षाओं के लिए कोचिंग, लाइव क्लास और मॉक टेस्ट के साथ 550 से अधिक जवाहर नवोदय विद्यालयों को सपोर्ट करता है। इनेबल कार्यक्रम हर साल मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से कक्षा XI और कक्षा XII के 18,000 विज्ञान के छात्रों को कोचिंग और परामर्श देता है। 2023-24 में, इनेबल ऑनलाइन कार्यक्रम के 27 प्रतिशत छात्र आईआईटी जेईई के लिए क्वॉलीफाई हुए जबकि 79 प्रतिशत छात्र नीट परीक्षा में लीफाई हुए।
युवाओं के लिए नए कॅरियर का निर्माण
सीखें, कमाएं और आगे बढ़ें (लर्न, अर्न एंड प्रोग्रेस यानी लीप), एक प्रमुख सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी कार्यक्रम है, जो वंचित समुदायों के युवाओं, विशेष रूप से स्कूल छोड़ने वाले युवाओं को मोटर मैकेनिक वाहनों (एमएमवी) में ऑटो ट्रेड स्किल प्रदान करता है। इस प्रोग्राम का फोकस ऐसे युवाओं पर है जिनके पास रोजगार पाने के लिए कौशल की कमी है। आईटीआई, स्किल्स फॉर प्रोग्रेस (स्किप) और टाटा मोटर्स डीलरों के साथ साझेदारी में, यह तीन महीने की थ्योरी ट्रेनिंग और उसके बाद नौ महीने की ऑन-जॉब-ट्रेनिंग (ओजेटी) प्रदान करता है। 16 राज्यों में अपनी उपस्थिति के साथ, लीप सालाना लगभग 1500 युवाओं को प्रशिक्षित करता है, जिनमें से ~80 प्रतिशत को टाटा मोटर्स इकोसिस्टम के भीतर या बाहर नौकरी मिल जाती है। लीप के लाभार्थियों में एक बड़ा हिस्सा पहली पीढ़ी के प्रशिक्षुओं का हैं।
आदिवासियों की कमाई को बेहतर बनाना
वनों में होने वाली उपज पर पहला और प्राकृतिक अधिकार होने के बावजूद, महाराष्ट्र के पुणे जिले के जुन्नार और अम्बेगांव तालुका के आदिवासी परिवारों को सरकार द्वारा हिरदा बेरी की व्यावसायिक खरीद या बिक्री करने की अनुमति नहीं दी गई थी। 2020 में, हिरदा की खरीद और बिक्री के लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने और उन्हें रोजगार देने के लिए टाटा मोटर्स और शाश्वत संस्था के मार्गदर्शन में एक फार्मर प्रोड्युसर ग्रुप (एफपीजी) की स्थापना की गई ।
एफपीजी 11 गांवों में 300 परिवारों से बढ़कर चार तालुकाओं में 5,000 से अधिक परिवारों तक पहुंच गया है। किसानों को वास्तविक समय पर उचित मूल्य प्रदान करने से चार वर्षों में 4 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस पहल ने पारिवारिक आय में वृद्धि की है, पलायन को रोका है और खेती की स्थायी पद्धतियों को बढ़ावा दिया है।
संपूर्ण स्वास्थ्य पहलें
2023-24 में जमशेदपुर में कुपोषण उपचार केंद्र (एमटीसी) ने परिवार कल्याण संस्थान (पीकेएस) के साथ साझेदारी में दूरदराज के क्षेत्रों में अपनी स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया है। इसने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की संख्या बढ़ाई है। एमटीसी सालाना गंभीर कुपोषण (एसएएम) से पीड़ित 5,500 बच्चों का इलाज करता है। इसने अपनी पहुंच में दोगुना से अधिक ग्रोथ हासिल की है।
इस सफलता के आधार पर, टाटा मोटर्स ने कुपोषण से लड़ने के अपने प्रयासों का विस्तार किया है, जिसके लिए उसने सामाजिक विकास संस्थान (ISD) और उत्तराखंड में बाल विकास विभाग के साथ मिलकर परवरिश केन्द्रों की स्थापना की है और कमजोर समुदायों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है।
कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से की जा रही सेवा को मजबूत करना
टाटा मोटर्स ने संगठनात्मक संस्कृति के रूप में स्वयंसेवा को मजबूत करने के लिए कई प्रमुख उपाय किए हैं। कंपनी ने 59 प्रतिशत कर्मचारियों की अब तक की सबसे अधिक भागीदारी की सूचना दी है। इन कर्मचारियों ने सामुदायिक सेवा के लिए 1,17,000 घंटे स्वयंसेवा दी है।