रामनगर, 20 अगस्त 2024: स्थानीय समुदायों के बीच स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए अपने समर्पण को जारी रखते हुए, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने आज रामनगर जिले में तीन नई जल शोधन इकाइयों की स्थापना और इनका परिचालन शुरू करने की घोषणा की। कोडियाला के बेन्ने हल्ली में नई स्थापित इकाइयाँ करेनहल्ली और चेन्नमारेगोवदनडोड्डी ने स्थानीय समुदायों के लिए स्वच्छ पेयजल तक पहुँच को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है। पेयजल इकाई की तत्काल आवश्यकता को देखते हुए, ये सुविधाएँ समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा के रूप में काम करती हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि उन्हें सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल तक विश्वसनीय पहुँच मिले।
प्रत्येक जल शोधन इकाई की क्षमता 1,000 लीटर प्रति घंटा है और शुद्धिकरण प्रक्रिया में छह-चरणों वाली फिल्टरेशन प्रणाली शामिल है, जो पानी की गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करती है। ये हैं – सक्रिय कार्बन फिल्टर, मल्टीमीडिया फिल्टरेशन, 5 माइक्रोन, 1 माइक्रोन, रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) और यूवी फिल्टरेशन। पूरी इकाई टिकाऊ संचालन के लिए अक्षय ऊर्जा (सौर) पर संचालित होती है। इन जल इकाइयों का रख-रखाव ग्राम पंचायत और मेनटेनेंस एजेंसी के माध्यम से 15 वर्षों तक किया जाएगा।
इन प्रतिष्ठानों से 15 गांवों के लगभग 21,000 ग्रामीणों को लाभ मिलेगा, जो समुदाय के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए टीकेएम की निरंतर प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल की शुरुआत के बाद से, टीकेएम ने पूरे भारत में कुल 51 जल शोधन इकाइयों का निर्माण किया है। इससे 312 गांवों में 350000 से अधिक लाभार्थियों को सुरक्षित और भरोसेमंद पेयजल उपलब्ध कराया गया है।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (वरिष्ठ उपाध्यक्ष) और मुख्य संचार अधिकारी श्री सुदीप दलवी ने कहा, “टोयोटा किर्लोस्कर मोटर में, हम मानते हैं कि समुदाय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सिर्फ़ वाहन निर्माण से कहीं आगे तक हुई है। इसमें हमारे आस–पास के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की गहरी ज़िम्मेदारी शामिल है। रामनगर जिले में इन जल शोधन इकाइयों की स्थापना स्थानीय समुदायों के स्वास्थ्य और कल्याण पर स्थायी, सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के हमारे निरंतर प्रयासों का प्रमाण है। स्वच्छ पेयजल तक पहुँच एक मौलिक अधिकार है, और इस पहल के माध्यम से, हमारा लक्ष्य इन क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण आवश्यकता को संबोधित करना है। हमारा दृष्टिकोण बुनियादी ढाँचा प्रदान करने से कहीं आगे जाता है; हम स्थिरता सुनिश्चित करने पर भी समान रूप से ध्यान केंद्रित करते हैं। हमारा मानना है कि सामुदायिक आवश्यकताओं के साथ अपने प्रयासों को जोड़कर, हम सभी के लिए एक उज्जवल और अधिक टिकाऊ भविष्य बना सकते हैं।“
सीएसआर, 2001 से टीकेएम के दर्शन का एक अभिन्न अंग बना हुआ है। स्केलेबिलिटी और स्थिरता पर ज़ोर देने के साथ, टीकेएम और इसके कर्मचारी स्वैच्छिक रूप से विभिन्न पहल करते हैं। ये गतिविधियाँ पाँच प्रमुख विषयगत क्षेत्रों के इर्द-गिर्द केंद्रित हैं: शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और स्वच्छता, सड़क सुरक्षा और कौशल विकास। हाल ही में की गई कुछ पहलों में स्थानीय लोगों की बढ़ती स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप शामिल हैं – प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), कर्नाटक के बिदादी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिसमें एक विशेष ऑक्सीजन-उत्पादक संयंत्र है, जो विशेष देखभाल प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, एबीसीडी (अ बिहेवेरियल चेंज डिमांस्ट्रेशन / एक व्यवहार परिवर्तन प्रदर्शन), जल शोधन इकाइयों की स्थापना और टोयोटा शाले आरोग्य कार्यक्रम जैसे स्कूल-आधारित स्वास्थ्य और स्वच्छता कार्यक्रम ने समुदाय के भीतर स्वास्थ्य परिणामों को महत्वपूर्ण रूप से बेहतर किया है। अकेले वित्तीय वर्ष 2022-23 में, इन पहलों ने 64,000 से अधिक व्यक्तियों को कवर करते हुए सकारात्मक प्रभाव डाला है। आज तक, टीकेएम ने अपने विभिन्न सीएसआर हस्तक्षेपों के माध्यम से 2.3 मिलियन से अधिक लाभार्थियों (संचयी) के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। टीकेएम की सीएसआर पहल समुदायों और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं की जरूरतों के साथ सावधानीपूर्वक संरेखित की जाती है, जिससे समाज में सार्थक और प्रभावशाली योगदान सुनिश्चित होता है।