आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए, इस योजना को लागू करने के लिए कम से कम 12 महीने का समय दिया जाना चाहिए
नई दिल्ली, 25 सितंबर 2024: वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने 1 अक्टूबर, 2024 से इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम (आईएमएस) लागू करने की योजना बनाई है। इसका मकसद इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम की प्रक्रिया को सरल बनाना है, लेकिन अगर तैयारी पूरी नहीं हुई तो यह कारोबारियों पर अनुपालन का बोझ बढ़ा सकता है और पूंजी के बेहतर इस्तेमाल में भी मुश्किलें आ सकती हैं। इस नए सिस्टम के तहत हर इनवॉइस या क्रेडिट नोट को प्राप्तकर्ता करदाता को स्वीकार, अस्वीकार या लंबित रखने का विकल्प होगा, जबकि मौजूदा सिस्टम में कारोबारी आईटीसी क्लेम कर सकते हैं।
नई व्यवस्था लागू होने के बाद, आईएमएस पंजीकृत करदाताओं को अपने जीएसटीआर-1 में सप्लायर्स द्वारा जारी किए गए इनवॉइस के साथ अपने रिकॉर्ड का मिलान करने का मौका देगा। हालांकि, इस प्रपोजल को कानूनी समर्थन नहीं मिल पाया है, जो चिंता का विषय है, क्योंकि अभी करदाता खुद से आकलन कर रहे हैं और आईटीसी क्लेम कर रहे हैं।
एम्पावर इंडिया के डायरेक्टर जनरल के. गिरी ने कहा, “त्योहारी सीजन के दौरान आईएमएस की शुरूआत को टालना सही फैसला होगा, क्योंकि यह समय रिटेल कारोबार के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है, जब वे अपनी सालाना बिक्री का 30-35% पूरा करते हैं। इस दौरान नए नियम लागू करना उचित नहीं है। इसके अलावा, सप्लायर्स के लिए ऐसा कोई डैशबोर्ड न होना, जिससे वे प्राप्तकर्ता के कार्यों को देख सकें, इस प्रक्रिया को और भी जटिल बना देगा।”
सुधार के क्षेत्र:
- हितधारकों ने सुझाव दिया है कि आईएमएस में आपूर्तिकर्ताओं के लिए जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी फाइलिंग की स्थिति को दिखाने और रेट लेवल की बजाय इनवॉइस लेवल पर डेटा मान्यता की सुविधा दी जानी चाहिए।
- ग्राहकों द्वारा क्रेडिट नोट्स के अस्वीकार होने पर कर देनदारी बढ़ने की चिंता है, जिसे सुधार की जरूरत है।
- छोटे व्यवसायों और अंतिम रिटेलर से चर्चा और सलाह लेना, इस पहल की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- करदाताओं ने सुझाव दिया है कि क्रेडिट नोट्स को लंबित रखने की सुविधा मिलनी चाहिए, ताकि कर देनदारी जुड़ने से पहले पर्याप्त समय मिल सके, और अस्वीकृत क्रेडिट नोट्स की भरपाई के लिए आपूर्तिकर्ताओं को डेबिट नोट जारी करने की सुविधा दी जानी चाहिए।
- वर्तमान प्रस्ताव में आपूर्तिकर्ताओं के पास ग्राहकों द्वारा किसी भी गलत तरीके से रिजेक्ट किए गए क्रेडिट नोट्स पर अपील करने का स्पष्ट तंत्र नहीं है।
सरकार द्वारा आईएमएस को और बेहतर बनाने की कोशिशों के बीच यह जरूरी है कि नीति निर्माता व्यापार जगत के साथ मिलकर काम करें ताकि नई अनुपालन व्यवस्था को आसानी से अपनाया जा सके। कंपनियां पहले से ही अगले वित्तीय वर्ष में इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूशन की अनिवार्यता जैसे बड़े जीएसटी बदलावों का सामना कर रही हैं, और यह नया बदलाव नियमों के पालन को और जटिल बना रहा है। नई इनवॉइस प्रबंधन प्रणाली की जटिलताओं को हल करने के लिए सरकार और व्यापार समुदाय के बीच सहयोग आवश्यक है। व्यवसायों को इस प्रणाली को लागू करने की तैयारी के लिए कम से कम 12 महीने का समय मिलना चाहिए।