गुजरात, अहमदाबाद 02 फरवरी 2025: शिवसागर के चाय बागानों से लेकर शार्क टैंक इंडिया 4 की स्पॉटलाइट तक, उपमन्यु बोर्काकोटी की यात्रा दिखाती है कि छोटे शहरों से भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं। असम की समृद्ध चाय विरासत के प्रति अपने प्रेम और इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के जुनून के साथ, उन्होंने वूला टी की नींव रखी। यह ब्रांड नवाचार, परंपरा और स्थिरता को खूबसूरती से जोड़ता है, जिससे चाय प्रेमियों को एक अनोखा अनुभव मिलता है।
असमिया भाषा में “वूला” का अर्थ है खुशी, और यह ब्रांड अपने पेटेंटेड नवाचार से इस नाम को पूरी तरह सार्थक करता है। इसकी इको-फ्रेंडली ग्रीन टी बॉल्स ब्रू होने पर ताज़ी चाय पत्तियों में बदल जाती हैं, जिन्हें 2-3 बार फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह न केवल किफायती है बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है। खासतौर पर डिजाइन की गई पैकेजिंग में एक क्यूआर कोड दिया गया है, जो ग्राहकों को सीधे उस बागान से जोड़ता है, जहाँ से उनकी चाय की पत्तियाँ लाई गई हैं। यह न केवल चाय पीने के अनुभव को खास बनाता है बल्कि उपभोक्ताओं और चाय उत्पादकों के बीच एक अनोखा रिश्ता भी कायम करता है।
उपमन्यु बोर्काकोटी कहते हैं, “मेरे चाचा को चाय चखने और अपने एनजीओ के जरिए लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने का जुनून है। शिवसागर जैसे छोटे कस्बे से आने के बावजूद, उनके इस जुनून ने मुझे बड़े सपने देखने की प्रेरणा दी। वूलाह मेरे लिए सिर्फ एक टी ब्रांड नहीं, बल्कि असम की समृद्ध विरासत को दुनिया तक पहुंचाने और संवहनीयता को अपनाने का जरिया है। शार्क्स के सामने पिचिंग करना एक सपने जैसा था। मुझे देश को वूलाह की कहानी सुनाने का मौका मिला और इंडस्ट्री के कुछ बेहतरीन दिग्गजों से सीखने का अवसर भी मिला।”
असम की चाय संस्कृति से उपमन्यु का गहरा जुड़ाव और वूलाह टी का अनोखा, बायोडिग्रेडेबल उत्पाद क्या शार्क्स को प्रभावित कर पाएगा? 50 लाख रूपये के बदले 1.66% इक्विटी की पेशकश के साथ, वूलाह टी की पिच यह साबित करती है कि जुनून और उद्देश्य के साथ किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।
क्या वूलाह टी को इस अनोखे प्रोडक्ट को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिये निवेश मिल पायेगा? जानने के लिए देखिये शार्क टैंक इंडिया 4, आज रात 8 बजे, सिर्फ सोनी लिव पर!