प्रश्न: ‘कानखजूरा’ जैसे शो में अपराधबोध और पारिवारिक रहस्यों जैसे गंभीर विषयों से जुड़ना एक भावनात्मक अनुभव रहा होगा। क्या इस मानसिक स्थिति में बने रहना मुश्किल था, या फिर शॉट्स के बीच आप खुद को उससे अलग कर पाते थे?
हर परिवार और हर रिश्ते में अच्छाई-बुराई के साथ-साथ बहुत-से ऐसे भाव होते हैं जो साफ़ नहीं होते, और यही हमें इंसान बनाते हैं। ‘कानखजूरा’ ने इन्हीं परतों को गहराई से छुआ है और बहुत वास्तविक तरीके से पेश किया है, जिससे उस भावनात्मक ज़ोन में जाना मेरे लिए आसान हो गया।
जहां तक दृश्यों के बीच खुद को उस भाव से बाहर निकालने की बात है, तो मुझे लगता है ये एक अभिनेता की दिनचर्या का हिस्सा होता है। हम सभी ऐसा करते हैं। कोई भी किरदार को पूरी तरह घर तक नहीं ले जाता — कम से कम ज़्यादा देर तक तो नहीं।
प्रश्न: आजकल ओटीटी थ्रिलर्स ज्यादा किरदार-केंद्रित और विचारोत्तेजक हो रहे हैं। आपको ‘कानखजूरा’ जैसी कहानी का हिस्सा बनने की प्रेरणा कहां से मिली?
मुझे अजय राय और जार पिक्चर्स पर पूरा भरोसा था। उन्होंने हमेशा अलग सोच वाली, बोल्ड और खास किस्म की कहानियों को सपोर्ट किया है। जब मुझे ‘कानखजूरा’ की कहानी सुनाई गई, तो मैं उससे तुरंत जुड़ गया। उसकी दुनिया, लेखन और किरदारों की गहराई, सब कुछ मेरे साथ तुरंत क्लिक कर गया।
प्रश्न: क्या स्क्रिप्ट में कोई ऐसा सीन या पल था, जिसे देखकर आपने तुरंत कहा – “मुझे इसका हिस्सा बनना है”?
सच कहूं तो, हर किरदार को इतनी खूबसूरती से रचा गया है और हर एक का सफर इतना असरदार है कि मैं किसी भी रोल को निभाकर खुश होता। लेकिन मुझे सच में लगता है कि शार्दुल का किरदार मुझे चुन रहा था। उसकी एक खास ठहराव भरी गहराई है, जिसमें कुछ ऐसा था जो शुरू से ही मुझे अपनी ओर खींच रहा था।
प्रश्न: ‘कानखजूरा’ के किरदारों में कई अनकही परतें छिपी हैं। एक अभिनेता के तौर पर आपने इस भावनात्मक गहराई से कैसे जुड़ाव बनाया, जबकि सेट पर माहौल हल्का बनाए रखा?
इस शो के हर किरदार के भीतर एक भावनात्मक वजन है, और उन्हें निभाने वाले कलाकार भी कमाल के हैं। जब आप इतनी अनुभवी और समर्पित टीम के बीच काम करते हैं, तो आपका खुद का परफॉर्मेंस भी अपने आप बेहतर हो जाता है। आप और गहराई तक जाने की कोशिश करते हैं, और हर पल को पूरी तरह जीते हैं।
लेकिन इस सफर को खास बना दिया चंदन सर की मौजूदगी ने। उन्होंने हमें पूरी रचनात्मक आज़ादी दी—खुद को किरदार में ढालने, एक्सपेरिमेंट करने, और अपनी समझ से निभाने की छूट मिली। और जब हम कभी-कभी उस मूल भाव से थोड़ा भटक जाते, तो वह बहुत सहजता और स्नेह से हमें सही दिशा दिखा देते।
यह संतुलन बहुत मायने रखता है। और सच कहूं तो, यह टीम एक ड्रीम टीम जैसी थी। हम सब इतने तालमेल में थे कि भारी सीन भी बहुत सहज लगते थे, और टेक्स के बीच माहौल हमेशा हल्का-फुल्का और सहयोग से भरा रहता था।
प्रश्न: गोवा में शूटिंग करना कैसा अनुभव रहा? क्या वहाँ के माहौल का आपके अभिनय पर कोई असर पड़ा या किरदार को गढ़ने में मदद मिली?
गोवा जैसे असली लोकेशन पर शूटिंग करने का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि यह आपकी कल्पना को एक नई दिशा देता है। जब आप वहाँ की असली जगहों, आवाज़ों और लोगों से घिरे होते हैं, तो आपका अभिनय एक अलग ही परत पा जाता है। किरदार खुद-ब-खुद उस माहौल में ढलने लगता है—बोलचाल, ऊर्जा, लोगों का अंदाज़, उनके हाव-भाव… सब कुछ आप धीरे-धीरे अपने किरदार में उतारने लगते हैं। इससे किरदार ज़्यादा सजीव और असली महसूस होने लगता है, और पूरा अनुभव और भी डूबकर करने जैसा हो जाता है।
प्रश्न: क्या शूटिंग के दौरान कोई मज़ेदार या अनपेक्षित पल आया, जो आज भी याद करके मुस्कान आ जाती हो?
मेरे किरदार शार्दुल की ज़ुबान थोड़ी तीखी है, तो सही लहजा और बोली पकड़ने के लिए मैं सेट पर मौजूद टैक्सी ड्राइवरों, रिक्शावालों और लोकल लोगों से पूछता था कि उनके पसंदीदा शब्द या मुहावरे क्या हैं! मैं उन्हें रिकॉर्ड भी करता था ताकि उच्चारण ठीक से बैठ सके और संवाद असली लगें।
शुरुआत में लोग थोड़े चौंकते थे, लेकिन फिर खूब हँसी-मज़ाक होता था। ऐसे छोटे-छोटे पल ही सेट का माहौल हल्का बनाते थे और शूटिंग को मज़ेदार बना देते थे।
प्रश्न: ‘कानखजूरा’ में अपने किरदार शार्दुल से आप कितनी निजी समानता महसूस करते हैं? क्या उसमें कुछ बातें आपकी असल ज़िंदगी से भी मेल खाती हैं?
शार्दुल एक बेहद जटिल किरदार है। लेकिन मुझे लगता है जब लोग उसे स्क्रीन पर देखेंगे, तो उन्हें उसमें कुछ जाना-पहचाना ज़रूर महसूस होगा—जैसे दोस्तों के लिए उसकी बेशर्त वफादारी या अपने बच्चे के लिए उसका गहरा प्रेम।
उसने जिंदगी में गहरे जख्म और अकेलापन झेला है, और उसी दर्द ने उसे ऐसा साफ़-सपाट बोलने वाला इंसान बना दिया है।
मैं असल ज़िंदगी में शायद इतना उग्र नहीं हूं, लेकिन उसकी भावनात्मक सच्चाई और दिल से जुड़ी बातें खुलकर कहने वाले स्वभाव से मैं जरूर जुड़ाव महसूस करता हूं।