सोनगढ़, तापी 13 मार्च 2025: प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और रामकथा वाचक मोरारी बापू ने आज तापी जिले के सोनगढ़ में चल रही अपनी रामकथा के दौरान 12 मार्च के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। महात्मा गांधी की ऐतिहासिक दांडी यात्रा की वर्षगांठ पर, मोरारी बापू ने भारत की स्वतंत्रता के लिए दिए गए अपार बलिदानों को याद किया और राष्ट्रीय एकता का आह्वान किया।
मोरारी बापू ने कहा, “यदि पूरा देश विभाजित हो गया होता, तो ब्रिटिश साम्राज्य विजयी हो जाता। इसी कारण महात्मा गांधी ने 12 मार्च को दांडी यात्रा प्रारंभ की। उन्होंने संकल्प लिया था कि कुत्ते की मौत मरना स्वीकार करेंगे, लेकिन स्वतंत्रता लिए बिना वापस नहीं लौटेंगे। और जब निर्णायक क्षण आया, तो गांधी जी ने देश को स्वतंत्रता दिलाई।”
ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए नमक कर के विरोध में महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी यात्रा की शुरुआत की थी। यह ऐतिहासिक यात्रा 6 अप्रैल को नवसारी जिले के दांडी गांव में संपन्न हुई।
इस ऐतिहासिक घटना की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए मोरारी बापू ने कहा, “आज 12 मार्च है, जिस दिन दांडी यात्रा प्रारंभ हुई थी। जब इन महापुरुषों ने हमारे लिए मार्ग प्रशस्त कर दिया है, तो हमारे लिए क्या असंभव है?”
सोनगढ़ में चल रही यह कथा मोरारी बापू की 953वीं रामकथा है। देश और विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस राम कथा में भाग ले रहे हैं।