Homeगुजरातपृथ्वि के आखीरीछोड पर अनंत राम की कथा का हुआ आरंभ।।

पृथ्वि के आखीरीछोड पर अनंत राम की कथा का हुआ आरंभ।।

धीरता और स्थिरता यह औषधि है।।

केवल हरिनाम ही सभी काल को मिटा सकता है।।

स्थिरता और धीरता का एक मात्र उपाय है:हरिनाम।।

राम,कृष्ण हनुमान और परम तत्व की आलोचना की चेष्टाएं हो रही है तब विशेष जागृति जरुरी है।।

जो राम,कृष्ण,शिव,हनुमान की निंदा करे और जो साथ दे वो सनातनी नहि है,इनसे सविनय दूर हो जाओ

गुरु सर्वस्व भी है,गुरु सर्वत्र भी है और गुरु सर्वदा है।।

 

जेहि दिन राम जनम श्रुति गावहिं।

तीरथ सकल तहां चलिआवहि।।

नौमिभोम बार मधु मासा।

अवधपुरी यह चरित प्रकासा।।

-बालकॉंड

दुनिया का जहां अंत है वह अर्जेंटीना के भी अंत की भूमि उशुया नगर में क्रम में 954वीं और यहां की सबसे पहली रामकथा बापू के श्री मुख से आरंभ हुआ।

इनसे पहले इन कथा के मनोरथी परिवार में मशरीबापा परिवार,मनुभाईचांडेगरा का परिवार और पाणखनिया परिवार,देवशीबापा का परिवार की ओर से किशोर भाई ने बहुत कम शब्दों में अपना स्वागत भाव प्रस्तुत किया।।

बापू ने इन बीज पंक्तियों का गान करते हुए कहा कि परमात्मा की परम कृपा से चैत्र नवरात्र के पवित्र दिनों में यहां नव दिवसीय रामकथा का सबसे पहली बार आयोजन हुआ।।बापू ने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि दुनिया का यह अंतिम भाग है यहां से कुछ घंटे आगे जाओगे तो दुनिया है ही नहीं! दुनिया का अंत है लेकिन राम टकथा का कोई अंत नहीं।। इस मानस रामनवमी पर कथा गान करने का तय किया बालकांड की दोनों पंक्तियों का पाठ इधर-उधर करके हमने मानस रामनवमी पर कथा गान शुरू किया है

आज अमावस्या है। सनातन हिंदू धर्म के संवत्सर का आखिरी दिन,कल से नया संवत्सर शुरू हो रहा है और अनुष्ठान के भी दिन,शक्ति आराधना के दिन नई साल और चैत्र नवरात्र भी है।।

यहां बड़ी प्यारी खूबसूरत प्रकृति है। कहीं-कहीं मानसरोवर जैसा लगता है।।चैत्र नवरात्र में राम जन्म पर गाए जाने वाली यह पहली कथा है।

बापू ने सुनीता विलियम्स को याद करते हुए कहा कि पृथ्वी की बेटी सीता है आकाश की बेटी सुनिता है!!साथ ही यह पीड़ा भी व्यक्त की कि म्यांमार में जो भूकंप आया श्रद्धांजलि संवेदना प्रभु प्रार्थना के रूप में व्यास पीठ सहज भाव से रेड क्रॉस के माध्यम से वहां की करेंसी के अनुसार 9करोड रुपए तुलसी पत्र दिया और साथ ही यह पूरी राशि लंदन निवासी रमेश भाई सचदेव और डॉलर भाई पोपट और पावन आदि ने किया।। कश्मीर के कठुआ में चार-पांच जवान शहीद हुए उन वीरों के भी अंजलि और श्रद्धांजलि प्रस्तुत की।।

बापू ने कहा महाभारत कहता है व्यक्ति के जीवन में पांच काल पांच समय ऐसे आते हैं: व्यवहार काल- व्यवहार को संभालना मुश्किल हो जाए।।शोक काल-ऐसी घटना घटे जो पीड़ा देती है। हर्ष का काल, वियोग का काल और विदाई का काल परिवार से किसी की विदा चूभती है।। इसमें हम अपने आप को कैसे संभाले? दो वस्तु जरूरी है: धैर्य और स्थैर्य। स्थिरता और धीरता।।कइंफ्लावर्स को देख रहा हूं कितनी विपत्ति से गुजरते हैं लेकिन धैर्य और स्थैर्यनहिखोते।।धीरता और स्थिरता यह औषधि है।।जो होना है होता है लेकिन प्रश्न यह है धैर्य और स्थैर्य बना कैसे रहे? हम गिरेंगे नहीं लेकिन हील तो जाएंगे।। एक ही उपाय है:हरिनाम मेरा तो आखरी यही निवेदन है हरिनाम के सिवा कोई चारा नहीं।। परमात्मा का नाम बहुत बल और सुरक्षा देगा पांडवों के जीवन में जब भी ऐसी ऐसी घटना घटी कोई ना कोई ऋषि पहुंच जाते हैं। क्योंकि पांडवों के पास हरिनामहै।देर हो सकती है क्योंकि पाप और दोष में अंतर है।। किसी को दुख दे,कुछ छीन ले वह पाप है लेकिन मन में उनके प्रति द्वैष,इर्षा वो दोष है।।पाप का फल भोगना ही पडताहै।।दोष को साधु संग से काट सकते है।।पाप से इतना मत डरो मगर दोष से दूर रहो।।इन दिनों में हरिनाम की आहूति देनी है।।यहचैत्रीयग्य है।।१८ मनके का बेरखा फिरे तो हथ में गीता बोल रही है और १०८ मनके की माला घूमे तो मानो उपनिषद बोल रहे है।।

ब्रह्म एक ही है राम सच्चिदानंद है। राम परमात्मा है राम साक्षात भगवान है।राम ईश्वर है। राम ब्रह्म है सियाराम,आत्माराम है ऐसे नव राम की गिनती शास्त्र वेताओ ने कही है।।

राम,कृष्ण हनुमान और परम तत्व की आलोचना की चेष्टाएं हो रही है उन पर भी बापू ने बहुत कुछ कहा लेकिन सियाराम आत्माराम यह सब कुछ अनंत है लेकिन ना समझ लोग राम और कृष्ण और हनुमान को निम्न बताने की चेष्टा में है।। कृष्णा ब्रह्म है। सच्चिदानंद है। ईश्वर, भगवान है।

रामायण भी कई है।। 100 करोड़ है। अपार है।। लेकिन एडिट करके कहूं नव रामकथा विशेष है। जैसे वाल्मीकि का रामायण, तुलसी की रामकथा, आनंद रामायण,अध्यात्म रामायण,योग वाशिष्ठ, हनुमंत नाटक,आत्म रामायण, भूसुंडी रामायण, बर्वेदोहावलीकवितावली और एकनाथ रामायण और हमारे सच्चिदानंद जी ने लिखा हुआ संसार रामायण राम के वव रूप है और यहां सात सोपान लिखे हैं राम का मतलब है लीला, चरित का मतलब है सीता का चरित्र और मानस हृदय को हनुमान है।। सात के अंक का भी बहुत महत्व है।। प्रथम मंत्र में सात का स्मरण हुआ फिर दूसरे मंत्र में शिव पार्वती का स्मरण हुआ है।। श्रद्धा से ज्ञान,विश्वास से भक्ति और भरोसे से भगवान मिलेगा।। हमारे यहां बौध स्वरूप गुरु है वैसे गुरु शब्द ही वेद में है। फिर भी धर्मगुरु, कुलगुरु, जगतगुरु, देव दानव के गुरु, सद्गुरु, मंत्र गुरु,वचन गुरु,स्पर्श गुरु और दृष्टि गुरु भी है।।

हमारे दायें नेत्र में द्वारिकानाथ और बायें में जगन्नाथ है लेकिन कई लोग विवेक चुके जा रहे हैं। यह पाखंड काल चल रहा है।। कहां द्वारिका और कहां…..!! लेकिन बापू ने कहा कि ऐसे सनातन के देवी देवताओं का अपमान हो रहा हो वहां से सविनय दूर हो जाना चाहिए और उनके साथ जो भी साथ देता हो उनसे भी सविनय दूर है जाना चाहिए।। हनुमान भी अनंत है लेकिन अयोध्या गढी का हनुमान काशी के संकट मोचन हनुमान, विश्वास हनुमान, विचार हनुमान, विद्वान हनुमान,विराग हनुमान,विज्ञान हनुमान और प्रयाग के लेटे हनुमान यह सब हनुमान जी है।। यहां सात मंत्रों में नव की वंदना हुई और गुरु वंदना भी हुई।। बापू ने कहा कि मानस सनातन धर्म पर भी कथा करनी है। सनातन धर्म के लिए पंचदेवों की बात की सनातन धर्म को पंचदेव गणपति सूर्य भगवान विष्णु शंकर और मां पार्वती दुर्गा का पूजन करना चाहिए।। निंदा करें वह सनातन धर्मी नहीं, साथ देने वाला भी नहीं है।

और बापू ने कहा कि मैं बोलूं तब मेरी जुबान पर सरस्वती नहीं गुरु बैठ जाए ऐसा मैं कहता हूं। गुरु हमें बजाने लगे तब हम इंस्ट्रूमेंट बन जाते हैं और थकान लगती नहीं।।अपने बच्चों को सही कहानी रामायण महाभारत की सुनाना क्योंकि पाठ्य पुस्तकों में भी झूठा कचरा डाला जा रहा है।। हमने पूरा जीवन यहां पर लगा दिया है और बताया कि मैं तो वहां तक पहुंचा हूं गुरु सर्वस्व भी है,गुरु सर्वत्र भी है और गुरु सर्वदा है।।

सभी वंदना के बाद हनुमंत वंदना के गान करके आज की कथा को विराम दिया गया।।

जहां कथागान हो रहा है वो-उशुवाया इतना प्रसिद्ध क्यों है?

उशुवाया पृथ्वी पर सबसे दक्षिणी शहर से कहीं अधिक है-यह रोमांच,संस्कृति और असाधारण प्राकृतिक सुंदरता का केंद्र है।।

यहाँ, दुनिया का अंत एक यात्रा की शुरुआत की तरह लगता है,जहाँ हर पगडंडी,चैनल और संग्रहालय अपनी अनूठी कहानी बयां करते हैं।

उशुआइया अर्जेंटीना का एक रिसॉर्ट शहर है।।

यह टिएराडेलफ्यूगो द्वीपसमूह पर स्थित है,जो दक्षिण अमेरिका का सबसे दक्षिणी छोर है और दुनिया का सबसे दक्षिणी शहर है, इसलिए इसे “दुनिया का अंत” भी कहा जाता है।।

बर्फ से ढकी एंडीज पर्वत श्रृंखला के तल पर स्थित यह हवा से भरा शहर मार्शल पर्वत और बीगल चैनल के लुभावने दृश्यों से घिरा हुआ है।।

यह अंटार्कटिका क्रूज और पास के इस्लायेकापसेला के पर्यटन के लिए प्रवेश द्वार है,जिसे पेंगुइन कॉलोनियों के लिए “पेंगुइन द्वीप” के रूप में जाना जाता है।।

मार्च/अप्रैल उशुआइया में शरद ऋतु है और दैनिक तापमान 8°C (46°F) से 13°C (55°F) के बीच हो सकता है।।

मौसम गर्म धूप वाले दिनों से लेकर ठंडी रातों तक, साथ ही बारिश और हल्की बर्फबारी तक भिन्न हो सकता है।।

उशुआइया में स्थानीय मुद्रा अर्जेंटीनीपेसो है, हालांकि प्रमुख क्रेडिट कार्ड और अमेरिकी डॉलर व्यापक रूप से स्वीकार किए जाते हैं।।

टिएराडेलफ्यूगो राष्ट्रीय उद्यान:पहाड़ों, जंगलों और लैगूनों वाला दुनिया का सबसे दक्षिणी राष्ट्रीय उद्यान

दुनिया के अंत की ट्रेन यात्रा

बीगल चैनल: वन्यजीव देखने और परिभ्रमण के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य।

मार्टिलो द्वीप: जेंटूपेंगुइन और समुद्री शेरों का घर

ग्लेशियर मार्शल: एक लोकप्रिय पैदल यात्रा स्थल

लगुनाएस्मेराल्डा: एक खूबसूरत झील,जहां एक दिन की मध्यम पैदल यात्रा करके पहुंचा जा सकता है

फ़ारो लेस एक्लेयरर्सलाइटहाउस: रुचि का एक बिंदु और मील का पत्थर

हेलीकॉप्टर टूर – उशुआइया और मार्शल

इसलिये मनभावन रोमांचक और अद्भूत अनुभव देनेवाला ये शहर है।।

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